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कुशलगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं थम रहा नीम-हक़ीम झोलाछाप बंगालियों का आतंक : बांसवाड़ा राजस्थान से धर्मेन्द्र कुमार सोनी की रिपोर्ट

कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र कुमार सोनी की कलम से
बांसवाड़ा जिले व कुशलगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं थमरा तथाकथित नीम-हकीम झोलाछाप बंगालियों का गुब्बार गरीब मरीज सक्ते में सरकार कानून व चिकित्सा विभाग आखीर क्यों है लाचार!
केंद्र से लेकर राजस्थान सरकार गरीबों के लिए नि शुल्क ईलाज मुहैया करवाने का राग अलापती हे वही सरकारी अस्पतालों में नि शुल्क ईलाज भी गरीबों को नशीब हो रहा है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सरकारों को बदनाम करने के लिए विपक्ष को मुद्दे उठाने के लिए वर्तमान नोकर शाही अपना पुरा काम ईमानदारी से नहीं कर आखीर सरकार को बदनाम करने पर क्यों तुली हुई है वो तो नोकर शाही ही जाने!आज हम राजस्थान के बांसवाड़ा जिले सहित कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में चाहे सज्जनगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र हो कुशलगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र हो या छोटी सरवा पंचायत समिति क्षेत्र हो यह क्षेत्र अती पिछड़ा व जनजाति बाहुल्य क्षेत्र हे जंहा अवैध रूप से ताथा कथित निम हाकीम झोला छाप बंगाली डाक्टर कसारवाड़ी सज्जनगढ़, डुंगरा, तांबेसरा, वसुनी चुडादा, रामगढ़, टीमेडा, कोटड़ा कुशलगढ़, मोहकमपुरा,बीजोरी बस्सी, छोटी सरवा, पाटन, बड़ी सरवा जैसी पंचायतों व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों ताथा कथित तौर पर निम हाकीम झोला छाप बंगाली डाक्टर बीना मान्यता के अपने दवाखाने खोल कर गरीबों से ईलाज के नाम पर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए हैं, ज़िले में बैठे नोकर शाही सब जानते हुएं भी आंखों पर पट्टी बांध कर चुपचाप तमाशा देख रहे हैं! यदाकदा एक दो बार चिकित्सा विभाग के आलाधिकारी कुंभकर्ण की तरह निंद से जाग कर इक्का दुक्का छापामार कार्यवाही कर मीडीया में अपनी सुर्खीया बटोर कर अपने कर्तव्य की ईती श्री कर फीर कुंभकर्ण की नींद सो जाते हैं एसा क्यों!जबकी पुरे जिले में सरकारी दवाखाने हे जंहा सरकार ने चिकित्सा अधिकारी भी लगा रखे हैं मोटी तनख्वाह भी सरकार देती हे उप खंड स्तर हो या जिला स्तर सभी के होने के बाद भी तथाकथित झोलाछाप निम हाकीम अवैध बंगाली डाक्टर बन कर ईलाज करते हैं जो गेर कानुनी है जीनके पास ना तो कोई डीग्री हे ना ही मान्यता फीर भी दिमक की तरह जिले में पेर पसार कर अपनी दुकानदारी चलाकर ईलाज के नाम पर अपनी तिजोरी भर रहे हैं दुर्भाग्य की बात है की नर्सिंग प्राप्त एएनएम जी एनएम सरकारी नौकरी नही लगने से बेरोजगार हो कर घर बैठे हे वही बीना लेबर्टी के जांच किए बीना ये तथाकथित नीम-हकीम झोलाछाप डॉक्टर ईलाज कर रहे हैं एसा क्यु, हमने अलग अलग जगह जा कर लोगों से जानकारी ली तो बताया की अबतो हद हो गई है बहुत जल्द ही कुछ जागरूक नागरिक एक जन हित याचिका दायर कर सरकार व प्रशासन व चिकित्सा विभाग को कटघरे में खड़ा करने का मानस बना लिया है !देखना यह होगा की याचिका से पहले इन तथाकथित नीम-हकीम झोलाछाप डॉक्टरों पर कौन कब एक्सन लेगे यह तो वक्त ही बताएगा?