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इस अभाव और ग़रीबी से निकलना है, तो शिक्षा की मशाल जलानी होगी, अन्यथा यहीं छटपटाते हुए जीवन व्यर्थ हो जाएगा
Madhu Singh ==================== “मम्मीजी, आप ज़रा चाचाजी को कुर्सी पर बैठने को कहिए, देखिए तो, लॉन में कैसे बैठे हैं.” बहू सुप्रिया के कहने पर मालती ने लॉन की ओर देखा काका भैरोमल आराम से घुटने तक धोती खिसकाए मूंगफली टूंगते हुए धीरे-धीरे तेल से घुटने की मालिश कर रहे थे. वो कुछ कहती उससे […]
चप्पलें ठीक रैक पर रखेंगे ये….
रेखा मौर्या =================== घरेलू पुरुष 😊🙏 ये जो सुबह के काम में बंटाते हैं हाथ सब्जी काट लेते हैं यह कहकर कि चलो आज खाना मैं बनाकर खिलाता हूँ बिन कहे ठहर जाते हैं गर्म होते दूध को देख बरतन रख देते हैं ठीक सिंक में उठाने लगते हैं यहाँ-वहाँ बिखरा सामान इन्हें रसोई ही […]
”तुम एक ऐसे श्राप से शापित हो जो हज़ार नदियों के पास से गुज़रा फिर भी प्यासा ही रहा”
Suraj Samrat ========= · वो अहमदाबाद से वापिसी ट्रेन से लौट रहा था…शाम के 6 बजे रहे थे… मोबाइल निकाल कर उसने ट्रेन का रनिंग स्टेटस चेक किया..ट्रेन रात 11 बजे अपने अतिंम स्टेशन,जो कि उसका गंतव्य था, पहुंचेगी. बीच के स्टेशन पर यूँ ही नजर चली गई, तो एक शहर के नाम पर रुक […]