साहित्य

कुछ दिनों के बाद उस मित्र ने टॉल्सटाय से ऐसा करने की वजह पूछी!

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय
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रूस के प्रसिद्ध लेखक लियो टॉलस्टॉय को एक बार अपना काम-काज देखने के लिए एक आदमी की ज़रूरत पड़ी।इस बारे में उन्होंने अपने कुछ मित्रों से भी कह दिया कि यदि उनकी जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति हो तो उसे उसके पास भेजें।

कुछ दिनों बाद एक मित्र ने किसी व्यक्ति को उनके पास भेजा।
वह काफी पढ़ा लिखा था और उसके पास कई प्रकार के सर्टिफिकेट और डिग्रियां थीं।वह व्यक्ति टॉलस्टॉय से मिला, लेकिन तमाम डिग्रियां होने के बावजूद टॉलस्टॉय ने उसे नौकरी पर नहीं रखा , बल्कि एक अन्य व्यक्ति जिसके पास ऐसी कोई डिग्री नहीं थी ,टाल्सटॉय ने उसका चयन कर लिया।
कुछ दिनों के बाद उस मित्र ने टॉल्सटाय से ऐसा करने की वजह पूछी।

टॉलस्टॉय ने बताया , “मित्र, जिस व्यक्ति का मैंने चयन किया है उसके पास तो अमूल्य प्रमाणपत्र हैं।उसने मेरे कमरे में आने के पूर्व मेरी अनुमति मांगी।उसने कमरे के अंदर प्रवेश करने से पूर्व दरवाजे पर रखे गए डोरमैट पर जूते साफ किये।उसके कपड़े तो साधारण थे लेकिन साफ सुथरे थे।मैंने उससे जो प्रश्न किये ,उसने बिना घुमाए-फिराए उसके संक्षिप्त उत्तर दिए और अंत में मुलाकात पूरी होने पर वह मेरी इज़ाज़त लेकर बड़ी विनम्रतापूर्वक वापस चला गया। ना तो उसने कोई खुशामद ही की और ना ही किसी की सिफारिस ही लाया।अधिक पढ़ा-लिखा ना होने के बावजूद उसे अपनी काबिलियत पर पूरा विश्वास था।इतने सारे प्रमाणपत्र बहुत कम लोगों के पास होते हैं।

तुमने जिसे व्यक्ति को भेजा था उसके पास इनमें से कोई भी प्रमाणपत्र नहीं था।वह सीधा ही कमरे में चला आया।बिना आज्ञा कुर्सी पर बैठ गया और अपनी काबिलियत की जगह तुमसे जान-पहचान के बारे में बताने लगा…..।तुम्हीं बताओ उसकी इन डिग्रियों की क्या कीमत है ?”
मित्र टॉलस्टॉय की बात समझ गया।वह भी असल प्रमाणपत्रों की महत्ता जान चुका था।

शिक्षा – मित्रों,डिग्री तो मॉं-बाप के खर्चे की रसीदें भर है।इन कागज के टुकड़ों का कोई खास मोल नहीं है।असली ज्ञान तो वह है जो हमारे आचरण व व्यवहार में झलकता है।यही ज्ञान हाइली एडुकेटेड व वेल एडुकेटेड में अंतर बताता है।हाइली एडुकेटेड होने पर आपको केवल पात्रता मिलेगी पर नौकरी तो वेल एडुकेटेड होने पर ही मिलेगी।अत: हमें अपने जीवन में डिग्रियों के साथ-साथ अपना आचरण भी उच्च कोटि का रखना चाहिए ताकि डिग्रियों की जगह अपने व्यवहार के कारण हम अपनी अलग पहचान बना सकें और औरों से अलग पहचान ही हमारी कामयाबी के दरवाजे खोलती है।
आप इस बारे में क्या सोचते हैं….?