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किसान संगठनों ने अपनी समस्याओं और विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 13 मार्च को संसद कूच का फ़ैसला किया!

किसान संगठनों ने अपनी समस्याओं और विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 13 मार्च को संसद की ओर कूच करने का फैसला किया है। किसान संगठन इस दौरान पंजाब को गंभीर जल संकट से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे। मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में पांच किसान संगठनों भारतीय किसान यूनियन राजेवाल, अखिल भारतीय किसान फेडरेशन, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब, भारतीय किसान यूनियन मानसा और आजाद किसान संघर्ष कमेटी की अहम बैठक हुई।

बैठक में सभी यूनियनों के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल, प्रेम सिंह भंगु, कंवलप्रीत सिंह पन्नू और हरजिंदर सिंह टांडा मौजूद रहे, जबकि बाघ सिंह मानसा ने किसानों के प्रस्ताव के लिए फोन पर अपनी सहमति दी। किसान नेता प्रेम सिंह भंगु ने बताया कि बैठक में गहन मंथन के बाद महसूस किया गया कि केंद्र और राज्य सरकार कृषि क्षेत्र और किसानों की दुर्दशा के प्रति बिल्कुल ईमानदार और गंभीर नहीं है। किसान संघों ने कृषि में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों में कृषि के लिए अलग-अलग बजट की मांग की।

किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब को गंभीर जल संकट से बचाना होगा, क्योंकि भूमिगत पानी कम हो रहा है और गलत नीतियों से नदी का पानी राज्य से बाहर बह रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने पर केंद्र सरकार किसानों से किए गए वादों से पीछे हट गई। उन्होंने सब्जियों और फलों सहित एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, किसानों की कुल कर्ज माफी और लखीमपुर खीरी के किसानों को न्याय दिलाने के साथ ही दिल्ली और अन्य जगहों पर किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों को वापस लेने की मांग की।

इस मौके पर गुलजार सिंह सलेमपुर, इकबाल सिंह मंडौली, दलबीर सिंह बेदादपुर, परमजीत सिंह बैदवान, किरपाल सिंह सियाऊ, गुरमीत सिंह ध्यानपुर, चरनजीत सिंह लछरू, साहिब सिंह और मलकीत सिंह चंडीगढ़ शामिल रहे।