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‘काश, मैं भी जल जाता’, ग़ज़ा का इस लेख में दिया कुछ ब्योरा आपको विचलित कर सकता है!

चेतावनी: इस लेख में दिया कुछ ब्योरा आपको विचलित कर सकता है.

कोई मानवता नहीं है. सिर्फ नेता हैं जो कि देखते हैं, लेकिन कुछ करते नहीं है. अहमद अल दालू ने ये बात कहते हुए बताया कि उनके दिमाग में परिवार के लोगों के जलने के दृश्य घूम रहे हैं. ग़ज़ा के अल-अक़्सा में उनकी पत्नी और बेटों की जान 14 अक्टूबर को गई थी.

वो बताते हैं कि उनके सामने ज़मीन पर सबसे छोटे बेटे अब्दुलरहमान (12) का शव पड़ा था. इसराइली हमले के कारण लगी आग के बाद इलाज के दौरान बच्चा चार दिनों तक तड़पता रहा. अब्दुलरहमान अपनी मौत होने से एक दिन पहले अपने पिता अहमद से अस्पताल में कहता है, “चिंता मत करो. पापा मैं ठीक हूँ, डरो मत.”

अहमद ये सब बोलते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा, “मैंने तीन बार उसे (अब्दुलरहमान) आग से निकालने की कोशिश की, लेकिन वो वापस गिर गया.”

अब्दुलरहमान के बड़े भाई शाबान (19) और मां अल्ला (37) की मौत हो गई. टेंट में आग लगने का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं.

अहमद के पूरे चेहरे और हाथ पर जलने के निशान है. उन्होंने कहा, “मेरा दिल टूट गया. काश, मैं भी जल जाता.”

इसराइली सेना ने कहा कि सेंट्रल ग़ज़ा के दीर अल-बलाह में स्थित अल-अक्सा अस्पताल में चल रहे हमास के ‘कमांड एंड कंट्रोल’ सेंटर को टारगेट किया था. हमास ने इसराइल के दावे को ख़ारिज कर दिया था.

इसराइल के हमले में चार लोगों की जान गई थी. दर्जनों लोग घायल हुए और इनमें से कई झुलस गए थे. इसराइल डिफेंस फोर्स ने इसको लेकर कहा, “हम मामले को देख रहे हैं.”

वहीं व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने सीबीएस न्यूज़ (बीबीसी का अमेरिकी साझेदार) से कहा, ” फुटेज परेशान करने वाली थी.” उन्होंने इसराइल से नागरिकों की सुरक्षा के लिए अधिक प्रयास करने की अपील की.

“इसराइल की जिम्मेदारी है कि वो कोशिश करे कि नागरिक हताहत नहीं हों. जो भी हुआ वह भयावह है. भले ही हमास नागरिकों को “मानव ढाल” (ह्यूमन शील्ड) के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश में अस्पताल के पास से कार्रवाई कर रहा हो.”

‘ त्रासदी का अंत चाहते हैं’
अमेरिका और ब्रिटेन जंग की शुरुआत से ही नागारिकों के हताहत होने को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं. लेकिन लड़ाई में हर रोज कई लोगों की जलने से जान जा रही है और कई को गोली मार दी जा रही है.

अधिकतर समय ऐसा होता है कि ये सामने नहीं आता. फिर ऐसा मामले मलबे में निकले शवों और अस्पतालों से सामने आते हैं. लेकिन शाबान के मौत के मामले में ये अलग है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका एक हाथ आग से निकलता हुआ दिख रहा है.

शाबान का एक वी़डियो और फोटो बाद में सामने आया. वो ऐसा लड़का था जो सोशल मीडिया की ताकत के बारे में जानता था और रोज की दिनचर्या रिकॉर्ड करता था.

वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर के छात्र थे. एक बार तो वह रक्त दान करते हुए वीडियो बनाकर दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते दिख रहे हैं.

“हमने कई घायलों को देखा है. कई बच्चों को खून की ज़रूरत है. हम सिर्फ सीजफायर और इस त्रासदी का अंत चाहते हैं.”

‘चिल्ला रहा था कि कोई मुझे जाने दो’

हम आपको सिर्फ डेलो परिवार की कहानी बता सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे स्थानीय पत्रकार इस परिवार के बचे हुए लोगों से मिले सके. बीबीसी सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थाओं को ग़ज़ा में इसराइल ने स्वतंत्र पहुंच की मंज़ूरी नहीं दी है.

आग लगने वाले टेंट से शाबान ने एक वीडियो बनाया था. इसमें वो बता रहे हैं कि एक साल पहले शुरू हुई जंग के बाद से वो कैसे पांच बार विस्थापित हो चुके हैं. उनकी दो बहनें और दो छोटे भाई हैं.

वो कहते हैं, “हम मुश्किल हालात में रह रहे हैं.” वीडियो में बोलने के दौरान पीछे से इसराइली ड्रोन की आवाज़ सुनाई देती है. ये ग़ज़ा के लिए सामान्य बात है.

इस घटना में बचे मोहम्मद शाहबान के भाई है. मोहम्मद ने बीबीसी से कहा कि उन्होंने अपने बड़े भाई को बचाने के लिए आग की लपटों में जाने की कोशिश की थी, लेकिन अन्य घायल लोगों ने ऐसा करने नहीं दिया. वे टेंट में नहीं सोते थे और बाहर सोकर सामान की निगरानी करते थे.

मोहम्मद ने बताया, “मैं चिल्ला रहा था कि कोई मुझे जाने दो. मेरे भाई का पैर आग में फंस गया था. आपने वीडियो में देखा होगा कि वो वह अपना हाथ हिला रहा था. मेरा भाई इस दुनिया में मेरे लिए सहारा था.”

मोहम्मद बताते हैं कि कैसे उनके भाई अस्पताल के गेट पर घर का बनाया हुआ खाना बेचते थे. उन्होंने कहा, “हमने अपनी मेहनत से सब संभाला था.”

मोहम्मद ने झुलसे हुए शव देखे और सिर्फ़ अपनी मां को पहचान पाए.

“मैं अपनी मां को उनके हाथ में पहने ब्रेसलेट से पहचान पाया. इसके बिना तो मैं जान भी नहीं पाता कि ये मेरी मां है. मैंने हाथ से ब्रेसलेट ले लिया.”

‘हमें जलते हुए देखा और चुप रहे’,
मोहम्मद ने कहा, “मैं बयां नहीं कर सकता. नहीं बता सकता कि मुझे कैसा महसूस हुआ. मैं बताना चाहता हूं, लेकिन नहीं कर सकता. अपने सामने भाई और मां को जलते हुए देखा है.”

उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “आपको और क्या चाहिए? तुम हमें जलते हुए देखते हो और चुप रहते हो.”

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फर्गल कीन
पदनाम,विशेष संवाददाता, बीबीसी न्यूज़