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काले झंडे दिखाने पर भड़के राज्यपाल, सड़क पर ही धरने पर बैठ गए!

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आज कोट्टरकारा जा रहे थे। वहां जाते हुए कोल्लम में एसएफआई कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को फिर से काले झंडे दिखाए। इससे राज्यपाल इस कदर नाराज हो गए कि मौके पर ही धरने पर बैठ गए। राज्यपाल ने धरने से उठने से इनकार कर दिया और आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा एसएफआई कार्यकर्ताओं को संरक्षण दिया जा रहा है।

#WATCH | “I will not leave from here. Police is giving them protection, ” says Governor Arif Mohammed Khan after SFI activists held a protest against him in Kollam. Police present on the spot https://t.co/nQHF9PWqpr pic.twitter.com/RHFFBRCh9s

— ANI (@ANI) January 27, 2024

#WATCH | Kollam: SFI holds black-flag protest against Kerala Governor Arif Mohammed Khan. pic.twitter.com/OGFdg214Wm

— ANI (@ANI) January 27, 2024

राज्यपाल ने पुलिस पर लगाए आरोप
शनिवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एक कार्यक्रम में शामिल होने कोट्टरकारा जा रहे थे। जब उनका काफिला कोल्लम के निलामेल से गुजर रहा था, तभी सीपीआईएम की छात्र शाखा एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने उन्हें विरोध स्वरूप काले झंडे दिखाए। इससे राज्यपाल इस कदर नाराज हो गए कि तुरंत गाड़ी से निकले और सड़क किनारे ही धरने पर बैठ गए। राज्यपाल ने सड़क किनारे स्थित एक दुकानदार से कुर्सी मांगी और वहीं पर धरने पर बैठ गए। राज्यपाल का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह पुलिस अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते नजर आ रहे हैं। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा एसएफआई कार्यकर्ताओं को संरक्षण दिया जा रहा है और पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही। राज्यपाल के धरने पर बैठने से वहां हंगामे की स्थिति बन गई।

कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं सरकार और राज्यपाल
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केरल की सीपीआईएम सरकार कई मुद्दों पर आमने-सामने है। राज्य के विश्वविद्यालयों के कामकाज और कई विधेयकों पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने का मामला चल रहा है, जिनके चलते कई बार सीपीआईएम की छात्र शाखा एसएफआई के कार्यकर्ता राज्यपाल को काले झंडे दिखा चुके हैं। बीते गुरुवार को केरल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में भी राज्यपाल ने महज कुछ मिनटों में ही अपना अभिभाषण समाप्त कर दिया था और अभिभाषण का सिर्फ आखिरी पैरा पढ़कर विधानसभा से चले गए थे। इसे लेकर भी सरकार और विपक्ष ने राज्यपाल की आलोचना की थी।