उत्तर प्रदेश राज्य

कानपुर : सामूहिक दुष्कर्म से आहत होकर कीटनाशक पी लेने वाली नाबालिग़ की इलाज के दौरान मौत!

कानपुर में सामूहिक दुष्कर्म से आहत होकर कीटनाशक पी लेने वाली महाराजपुर थाना क्षेत्र की नाबालिग की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। अपनी बेटी की जान बचाने के लिए पिता ने क्या नहीं किया। जीविका के साधन मवेशियों को बेच डाला। रिश्तेदारों से कर्ज भी लिया, लेकिन नाबालिग को बचाया नहीं जा सका। महाराजपुर क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले किसान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी 13 साल की बेटी क्षेत्र के एक स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती थी।

30 अगस्त की देर रात घर के बाहरी हिस्से में बने कमरे में वह पढ़ाई कर रही थी। वह पत्नी और बड़े बेटे के साथ भीतर आंगन में सो रहे थे। रात करीब 12ः30 बजे गांव के ही इरफान उर्फ काकू, इजराइल, राजा उर्फ इस्लाम और इमरान वहां पहुंचे। इरफान कमरे में घुस गया और बेटी के साथ दुष्कर्म किया। उसके शोर मचाने पर माता-पिता बाहर निकले तो इरफान को पकड़ लिया, लेकिन वह दोनों को धक्का देकर भाग गया। उसके साथ ही घर के बाहर मौजूद इजराइल, राजा उर्फ इस्लाम और इमरान भी धमकी देते हुए भाग निकले। इस दौरान इरफान का मोबाइल मौके पर ही छूट गया था।

मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की धारा व पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की थी। इसके बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इधर घटना और फिर धमकी से आहत नाबालिग ने 31 अगस्त की दोपहर कीटनाशक पी लिया था। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे हैलट में भर्ती कराया था, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद सिविल लाइंस स्थित एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां पर इलाज के दौरान सोमवार सुबह मौत हो गई।

नाबालिग की मौत के बाद आरोपियों पर धारा बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए जल्द आरोप पत्र दाखिल होगा। चारों को कड़ी सजा दिलाने की हर संभव प्रयास किया जाएगा। -श्रवण कुमार सिंह, डीसीपी पूर्वी

एक ही परिवार से जुड़े हैं चारों आरोपी
चारों आरोपी एक ही परिवार से जुड़े हैं। गांव में रहने वाले दो भाई इस्माइल और असलम हैं। दोनों भाइयों के चारों बेटे इस घटना में शामिल हैं। आरोपी इरफान उर्फ काकू और इमरान सगे भाई व असलम के बेटे हैं। राजा उर्फ इस्माइल और इजराइल सगे भाई हैं व इस्माइल के बेटे हैं। आरोपियों के पिता असलम की गांव में परचून की दुकान है। दूसरे आरोपी भाइयों के पिता इस्माइल का गांव में ट्यूबवेल है और फूलों की खेती करता है। सभी आरोपी अपने-अपने पिता के कारोबार में हाथ बंटाते हैं।

इस्लाम पर पहले भी दर्ज हो चुका है दुष्कर्म का मामला
आरोपी इस्लाम उर्फ राजा के खिलाफ वर्ष 2020 में भी नाबालिग से दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। गांव के लोगों ने बताया कि इस मामले में भी पीड़िता और उसके परिवार को धमकाया था। पीड़िता ने डर की वजह से मजिस्ट्रेटी बयान नहीं दिया था।

सेना से भी भगोड़ा घोषित है राजा
ग्रामीणों ने बताया कि इस्लाम उर्फ राजा की भारतीय थल सेना में भी नौकरी लगी थी। राजा ने छह महीने की प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया था, लेकिन बाद में सत्यापन के दौरान सामने आया कि उस पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। तब राजा प्रशिक्षण से भागकर गांव आ गया था। हालांकि थाना प्रभारी संजय पांडेय ने इस बारे में जानकारी होने से इन्कार किया है।

आजीवन कारावास और फांसी तक की हो सकती है सजा
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 70 (2) के मुताबिक अगर 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है, तो सभी को दुष्कर्म का दोषी माना जाएगा। मतलब कि अगर कोई व्यक्ति सीधे तौर पर दुष्कर्म में शामिल नहीं है, लेकिन उसमें किसी तरह से मदद कर रहा है, तो उसे भी समान रूप से दोषी माना जाएगा। इस मामले में भी मुख्य आरोपी इरफान उर्फ काकू के सहयोग में अन्य तीनों मौजूद थे। इस वजह से इस केस में अन्य तीनों को भी आरोपी बनाया गया है। बीएनएस की धारा 70 सामूहिक दुष्कर्म से जुड़ी है। यह गंभीर अपराध है। इस धारा के तहत अपराधियों को कम से कम 20 साल की जेल हो सकती है। यह सजा आजीवन कारावास और फांसी तक भी बढ़ाई जा सकती है।

बीएनएस-33
बीएनएस की धारा 333 के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी के घर में जबरदस्ती घुसकर नुकसान पहुंचाता है, तो उसे सात साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इस सजा में कमी या बढ़ोतरी अपराध की गंभीरता और पीड़ित को हुए नुकसान के हिसाब से की जाती है।

बीएनएस-296
किसी सार्वजनिक स्थान पर या उसके निकट कोई अश्लील गाना, गाथागीत या शब्द गाएगा, गाएगा या बोलेगा, तो उसे तीन महीने तक की जेल की सजा या एक हजार तक का जुर्माना हो सकता है।

बीएनएस की धारा 65 (1)
बीएनएस की धारा 65(1) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति 16 साल से कम उम्र की महिला के साथ दुष्कर्म करता है, तो उसे कम से कम 20 साल की कठोर जेल हो सकती है। हालांकि, इस सजा को उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है।

बीएनएस की धारा-351(2)
बीएनएस की धारा 351(2) के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी को आपराधिक धमकी देता है, तो उसे दो साल तक की जेल हो सकती है। जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

अस्पताल प्रबंधन पर शव न देने का आरोप
किसान ने आरोप लगाया कि अस्पताल में इलाज के दौरान चार-पांच लाख रुपये खर्च हुए। आखिर में कुछ पैसा नहीं चुका सका, तो अस्पताल प्रबंधन ने बेटी का शव देने से मना कर दिया। एक माह में बकाया बिल चुकता करने पर प्रबंधन ने शव सौंपा। इधर, अस्पताल संचालक ने किसान के आरोपों को निराधार बताया है।