उत्तर प्रदेश राज्य

कानपुर : गोविंदनगर थाने के मालख़ाने से 41 लाख रुपये से अधिक की नक़दी, ज़ेवर व कई केसों से जुड़े दस्तावेज़ ग़ायब!

कानपुर में गोविंदनगर थाने के मालखाने से 41 लाख रुपये से अधिक की नकदी, जेवर व कई केसों से जुड़े दस्तावेज गायब करने के आरोप में फंसे तत्कालीन हेड मोहर्रिर दिनेश चंद्र तिवारी पर बर्खास्तगी की तलवार लटकने लगी है। डीसीपी क्राइम की प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर जेसीपी मुख्यालय ने वर्तमान में लखनऊ में तैनात तिवारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र भेज दिया है।

22 अक्तूबर 2020 से 17 अक्तूबर 2024 तक दिनेश चंद्र तिवारी गोविंदनगर थाने में बतौर हेड मोहर्रिर के पद पर तैनात रहा था। वर्तमान में वह लखनऊ के चौक थाने में दरोगा के पद पर तैनात है। उसके तबादले के बाद मोहर्रिर अजय कुमार को चार्ज दिया गया था। अजय ने चार्ज संभालने के बाद जब मालखाने में दाखिल माल का मिलान शुरू किया तो 21 मुकदमों से जुड़ी 41.30 लाख रुपये कीमत के जेवर, नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब मिले।

हेड मोहर्रिर के खिलाफ दर्ज कराई थी एफआईआर
कई बार बुलाने पर तिवारी कानपुर आया, लेकिन गायब सामान की जानकारी नहीं दे सका। इसके बाद से वह बुलाने पर भी नहीं आ रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद थानाप्रभारी प्रदीप कुमार सिंह ने उच्चाधिकारियों को सूचना देने के साथ ही तत्कालीन हेड मोहर्रिर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उधर, सीपी ने मामले की प्रारंभिक जांच डीसीपी क्राइम/साउथ आशीष श्रीवास्तव को दी थी। डीसीपी की प्राथमिक जांच में तत्कालीन हेड मोहर्रिर दोषी पाए गए।

कार्रवाई से पहले नोटिस भेज बयान के लिए बुलाया गया
अब ज्वाइंट सीपी विपिन मिश्रा ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को विभागीय कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है। तिवारी को नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया गया है। बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार दिनेश के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। अगर नोटिस के बाद भी बयान देने नहीं पहुंचा तो उसी को आधार बनाकर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी जाएगी।