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कांग्रेस नेता टिकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने वहां गंगाजल से ‘शुद्धिकरण’ करवाया!

जयपुर।कांग्रेस नेता टिकाराम जूली के एक मंदिर में जाने के बाद वहां गंगाजल से ‘शुद्धिकरण’ करने पर बीजेपी ने अपने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। यह मंदिर अलवर जिले में है। इस घटना के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से माफी की मांग की थी। जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने आहूजा के खिलाफ एक्शन लिया है।

क्या है मामला
कांग्रेस नेता टीकाराम जूली एक दलित नेता हैं और उन्होंने राम मंदिर में एक पूजा समारोह में हिस्सा लिया था। उनके वहां जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया। इस घटना के बाद से कांग्रेस ने आहूजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दमोदर अग्रवाल ने मंगलवार को आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया और तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा।

Ashok Gehlot
@ashokgehlot51
भाजपा नेता श्री ज्ञानदेव आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष श्री
@TikaRamJullyINC
के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है।

क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अपने वरिष्ठ नेता के इस व्यवहार से सहमत हैं? क्या इस घृणित कृत्य के लिए भाजपा अपने नेता पर कार्रवाई करेगी?

 

नोटिस में कहा गया कि ‘आपके इस बयान और कृत्य से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है, जोकि घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इसलिए आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।’ नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर आहूजा इस पर कोई सफाई देना चाहें, तो तीन दिन के अंदर भेज सकते हैं। इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और कई जगहों पर आहूजा का पुतला फूंका गया।

गहलोत ने भी दी प्रतिक्रिया
बता दें कि इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद बीजेपी नेता आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कना 21वीं सदी में दलितों के प्रति बीजेपी की संकीर्ण सोच और नफरत को दिखाता है। यह व्यवहार किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

क्या बोले आहूजा
वहीं आहूजा ने खुद को बचाते हुए कहा कि उनके इस कृत्य का जाति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि कांग्रेस ने पहले भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे और अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था।

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