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क्या बात है सालीजी, आजकल याद ही नहीं करतीं?
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ================== जीजाजी यानी मेरी मौसेरी बहन कृष्णा के पति का फोन था, “क्या बात है सालीजी, आजकल याद ही नहीं करतीं? तुम्हारी दीदी कुछ बीमार चल रही है, बहुत याद कर रही है तुम्हें. थोड़ा समय निकालकर मिलने आ जाओगी तो उसे अच्छा लगेगा.” “क्या हो गया दीदी को? कोई सीरियस बात […]
निराशा से बचने के लिए जीवन में विविधता का होना भी आवश्यक : लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये!
Laxmi Sinha =================== निराशा की एक बड़ी कारण होती है दूसरों से बड़ी-बड़ी अपेक्षाएं करना और जीवन के यथार्थ को स्वीकार नहीं कर पाना । जैसा हम सोचते हैं वैसे ही सारा संसार सोचने लगे, ऐसा सोच हमारी निराशा का कारण बनती है। वर्तमान को छोड़कर भूत एवं भविष्य में अत्याधिक विचारण करना भी निराशा […]
#कहानी- बेवफ़ा…#दीप्ति की क़लम से…
#कहानी- बेवफा… कमरे में अजीब-सा सन्नाटा पसरा पड़ा था. पता नहीं क्यों मुझे महसूस हुआ जैसे इस कमरे में मैं अकेला नहीं हूं, कोई और भी है… और ये ख़्याल मुझे डरा गया. मैं धीरे से उठा और पलंग के दाई ओर वाली खिड़की के चरमराए लकड़ी के दरवाज़ों की सांकल खोल उन्हें एक-दूसरे से […]