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सारा दिन न जाने किस उधेड़बुन में लगे रहते हैं
अरूणिमा सिंह ======== एक बेटी का पिता! एक दिन शाम को सभी बैठकर बात कर रहे थे! बातों बातों में बाबू जी बोले कि…… ए मालकिन एक बात बताओ! बेटी के विवाह में व्रत रखते हैं का?(क्या बेटी के विवाह में व्रत रखा जाता है) मां तनिक गुस्से में झिड़कती हुई बोली… तो का खाकर […]
एक ज़िन्दगी में क्या क्या किया जा सकता है, यह केदारनाथ पांडे के जीवन से सीखा जा सकता है!
Hafeez Kidwai =========== इस महान इंसान का जो नाम विख्यात है,फेसबुक उस नाम से रीच ही निगल लेता है, इसलिए अगर दिख जाए तो पढ़िए और बढ़ाइए…. एक ज़िन्दगी में क्या क्या किया जा सकता है, यह केदारनाथ पांडे के जीवन से सीखा जा सकता है । वही केदारनाथ जो 9 अप्रैल 1893 में आजम […]
#कहानी- घंटी….@संगीता की कलम से
सवेरा होते ही दीप्ति की बंधी-बंधाई दिनचर्या आरंभ हो गई थी. कई बार उसे लगता था, न कभी सूरज उगना छोड़ेगा और न कभी उसकी दिनचर्या बदलेगी. वही फे्रश होकर पति और बेटे का पहले नाश्ता, फिर टिफिन तैयार करना. बीच में मांजी को बैठाकर चाय पकड़ाना और ख़ुद की ठंडी हो चुकी चाय को […]