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“साहब! जंगल में शेर न होने के कारण ये चिंता मुक्त हो गए हैं इसलिये यह कुरूप हो गए हैं!
Ale Hasan Khan · ================ लघुकथा – चिंता लेखक- आले हसन खां अचानक वह बेंच से उठा और मेरे हाथों को चूमने लगा, तो वहां पर उपस्थिति सभी अचरज से उसे देखने लगे । “आपने मेरी जान बचा ली साब !” कहकर वह अपनी नम आंखें गर्दन में पड़े अंगोछे से पोंछने लगा, तो मैंने […]
अपनी प्लेट में दो तरह की आइसक्रीम का मज़ा लेती सुनीता ने अपने देवर…
Madhu Singh ================== अपनी प्लेट में दो तरह की आइसक्रीम का मज़ा लेती सुनीता ने अपने देवर विनोद को कहा, “क्या देवर जी तीसरी बेटी होने पे कौन पार्टी देता है? अब तो दहेज़ के पैसे जुटाना शुरू कर दो।” अपनी भाभी के प्लेट को देख हँसते हुए विनोद ने कहा, अरे भाभी ! “आप […]
“साला, कौन कहता है बे कि इंसानियत मर चुकी है इस दौर में……….”
दफ़्तर से अपना काम ख़तम करने के बाद जब अपने घर के लिए गुप्ता जी निकलने लगे तो उस समय उनकी घड़ी में तक़रीबन रात के 9 बज रहे थे । हालांकि रोज़ गुप्ता जी शाम 7 बजे के लगभग अपने ऑफिस से निकल जाया करते थे लेकिन आज काम के दवाब के कारण कुछ […]