भारत नियंत्रित कश्मीर से एक चिंताजनक मिली है कि पुलिस कस्टडी में तीन कश्मीरियों की जान चली गई। भारतीय मीडिया के अनुसार कश्मीर के पुंछ ज़िले में शुक्रवार को पूछताछ के लिए ले जाए गए आठ लोगों में से तीन की मौत के बाद अब इलाक़े में तनाव बढ़ गया है।
गुरुवार को पुंछ ज़िले में सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला हुआ जिसमें चार सैनिकों की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हुए थे, इसी हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए शुक्रवार शाम को सुरक्षाबल आठ लोगों को अपने साथ लेकर गए थे।
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के अनुसार, इन आठ लोगों में से तीन लोगों की मौत टोपा पीर इलाक़े में रात को हो गई थी, जिसके बाद इलाक़े में तनाव है।
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इन तीनों की अंतिम क्रिया पुंछ के बुफ़लियाज़ और राजौरी के डेरा की गली और थानामंडी इलाक़े में हुई जहां पहले से मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई थी और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मौत के कारणों के बारे में कुछ नहीं कहा है लेकिन इस मामले में क़ानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, साथ ही तीनों मृतकों के परिजनों के लिए मुआवज़े की घोषणा की है।
मारे गए मोहम्मद शौकत के रिश्तेदार मोहम्मद इक़बाल कहते हैं कि पुलिस सवेरे 10 बजे शौकत को घर से ले कर गई थी, रात के दस बजे ख़बर मिलने के बाद जब हम बुफलियाज़ पहुंचे तो हमें उनका शव मिला।
कुछ गांववालों ने मीडिया को बताया है कि मृतकों के शरीर में टॉर्चर किए जाने के निशान थे, उन्होंने कहा कि जिन घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनके शरीर पर भी चोट के निशान हैं।
जम्मू कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में 3 जवानों के बलिदान और 3 जवानों के घायल होने की दुखद ख़बर आ रही है.!
ईश्वर उन्हे अपने चरणों में स्थान दें एवं परिवार को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें.. शहीदों को नमन्.!
😭🇮🇳❤️
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— Globenews (@skbhamisara) December 21, 2023
मृतक में से एक के रिश्तेदार ने कहा है कि तीनों को टॉर्चर किया गया और फिर परिवारों से कहा गया कि वो आर्मी कैंप में आकर शव ले जाएं।
सेना ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा है कि इस इलाक़े में तीन आम नागरिकों की मौत की ख़बर मिली है, इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि तीन लोगों के शव उस जगह मिले, जहां एनकाउंटर हुआ था।
उन्होंने आरोप लगाया कि टोपा पीर गांव के 12 और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि राजौरी-पुंछ इलाक़े में आतंकवाद को कभी समर्थन नहीं मिला लेकिन बीते दो-तीन सालों में हम इस इलाक़े में अलगाववाद देख रहे हैं।
वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि मैं यहां के लोगों की तरफ से सरकार से गुज़ारिश करना चाहता हूं कि इसे लेकर वो पूरी जांच करें कि आम नागरिकों की मौत क्यों हो रही है।
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