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बड़ी बुआ सांप, छोटी बुआ बिच्छू
सुमति की विदाई कर थका हुआ घर. अम्मा ख़ूब रोने के कारण भारी हो गए फटे सुर में कहती जा रही हैं, “सास-ननदें घाघ होती हैं. उनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर सुमति कहीं उन लोगों को अपनी साड़ियां न दे दे. बुढ़िया (अम्मा की सास) ने मेरी पेटी खाली करा ली थी. बहुत समझाया है […]
जरा सा तो पहले मिले होते हमदम
संजय नायक ‘शिल्प’ ============== जरा सा तो पहले मिले होते हमदम उस पहाड़ी सड़क के घुमावदार रस्ते से दोनों बहुत खुशी से जा रहे थे। आज घरवालों को उन दोनों के रिश्ते की मंजूरी मिल गई थी। दोनों पहली बार मनाली के लिए निकले थे। अचानक लड़की को न जाने क्या सूझा, उसने लड़के को […]
**कबीर को, नानक को, रैदास को इसीलिए तकलीफें उठानी पड़ीं कि ये लोग सच बात कहते थे**
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== अगर ये पढ़ कर किसी को भी बुरा लगे तो माफ करना, परन्तु ईस पर बहस मत करना।। आपको अच्छी लगे तो चिंतन करना, हमें असली बाबा नहीं चाहिए… मेरी मां गलती से असली बाबा के पास चली गई। मेरी पत्नी की शिकायत करने लगी। कहा कि बहू ने बेटे को […]