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कर्नाटक, 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को नतीजे आ जाएंगे, ट्रांसजेंडर वोटर्स की संख्या जान लीजिये, बीजेपी पर 40% कमीशन के आरोप!

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दक्षिण भारतीय राज्‍य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे. उसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार (29 मार्च) को यह घोषणा की. उन्‍होंने बताया कि कर्नाटक चुनाव के लिए इस बार 5.21 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जो 224 विधानसभा सीटों पर मतदान करेंगे. इन मतदाताओं में 41,000 मतदाता ट्रांसजेंडर (Transgenders) हैं.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक चुनाव में 9.17 लाख वोटर्स पहली बार वोट डालेंगे. हालांकि, नए वोटर्स में ट्रांसजेंडर्स की संख्‍या काफी कम है. वहीं, राज्य में कुल ट्रांसजेंडर की गणना की जाए तो यह संख्‍या 42,756 बताई गई है. इनमें 41,000 मतदाता के रूप मे पंजीकृत हैं.

पहली बार हुई पोल आइकन की नियुक्ति

इस बार यहां ट्रांसजेंडर के मतदान को अहम माना जा रहा है. दरअसल, चुनाव आयोग ने कर्नाटक में पहली बार एक ट्रांसजेंडर मंजम्मा जोगती (Manjamma Jogathi) को पोल आइकन के रूप में नियुक्त किया है. इसकी वजह चुनाव में ट्रांसजेंडर समुदाय को मतदान के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करना है.

कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज कुमार मीना के मुताबिक, जोगती एक ट्रांसजेंडर फोक डांसर हैं. वह कर्नाटक जनपदा अकेदमी की अध्यक्ष रह चुकी हैं. खास बात यह है कि वह पद्मश्री पुरस्कार से सम्‍मानित की जा चुकी हैं. अब वे कर्नाटक चुनाव के लिए पोल एम्बेसडर चुनी गई हैं.

‘राज्य में 2 लाख से ज्‍यादा ट्रांसजेंडर’
जोगती का कहना है कि कर्नाटक में उनके समुदाय की आबादी अन्‍य पड़ोसी राज्‍यों की तुलना में अधिक है. उन्‍होंने कहा, “राज्य में हमारी कुल आबादी लगभग दो लाख से अधिक है, लेकिन कईयों के पास दस्तावेजों की कमी है, इस वजह से सभी ट्रांसजेंडर्स मतदाता सूची में नामांकित नहीं हो सके हैं.”

अभी तक कम रहा इनका वोटिंग पर्सेंटेज
पिछली बार हुए राज्य चुनावों मे कुल ट्रांसजेंडर वोटों में से मात्र 9.8% वोटर्स ने ही वोट किए थे. यहां तक कि लोकसभा चुनाव 2019 में भी इस कम्‍युनिटी के कुल रजिस्‍टर्ड वोटर्स में से केवल 11.49% ने ही वोटिंग में हिस्‍सा लिया था.

 

 

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10 मई सिर्फ मतदान का दिन ही नहीं होगा बल्कि यह भ्रष्टाचार को खत्म करने का दिन होग। 40% कमीशन राजधानी का भ्रष्टाचार 10 मई को कर्नाटक के लोगों द्वारा खत्म किया जाएगा: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 पर राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, बेंगलुरु


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कर्नाटक में बीजेपी की हार निश्चित है। किसानों और सामान्य लोगों को गुस्सा बीजेपी को बहुत भारी पड़ने वाला है: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 पर कांग्रेस नेता हरीश रावत, दिल्ली

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कर्नाटक: चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने सदम में एक चेकपोस्ट पर एक कार से 35.5 लाख रुपये नकद जब्त कर 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।

राज्य में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।

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कर्नाटक विधानसभा के लिए मतदान 10 मई को होंगे और मतदान की गणना 13 मई को होगी: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, दिल्ली

 

कर्नाटक चुनाव में BJP की बड़ी चुनौती, देवगौड़ा का आखिरी चुनाव

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को इसके नतीजे आ जाएंगे. ये चुनाव बहुत ही दिलचस्प और चैलेंजिंग है. भाजपा के लिए जबकि कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त है कि उनको पूर्ण बहुमत मिलेगा. पूरे देश के अन्य राज्यों में जो कांग्रेस के संगठन हैं अगर उससे कर्नाटक में जो कांग्रेस की स्टेट यूनिट है उसकी तुलना करें तो वह हर तरीके से श्रेष्ठ है. इनके पास लोग भी हैं, रिसोर्सेज भी हैं. हर जाति और समुदाय को प्रजेंट करते हुए नेता भी हैं, जिनका कि अपना सपोर्ट बेस भी है और साथ ही साथ गवर्नेंस का एक रिकॉर्ड भी है…तो भाजपा की जो वर्तमान बोम्मई सरकार है उनके पास दो बड़े हैंडिकैप्ड है. एक तो यह कि बोम्मई येदुरप्पा को हटाकर मुख्यमंत्री बने, जिससे कि लिंगायत कम्युनिटी में यह एक फीलिंग है कि उनके जो नेता थे उनको हटाकर बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि वह खुद भी लिंगायत हैं. लेकिन वह उनके नेता नहीं हैं क्योंकि आप एक नेता हैं जो कि किसी भी समुदाय से बिलॉन्ग कर सकते हैं, लेकिन उस समुदाय का नेता बनना अलग बात होती है. कर्नाटक में यही एक कम्युनिटी है जिसके ऊपर समर्थन के लिए भाजपा की निर्भरता बहुत ज्यादा रहती है.

बोम्मई सरकार के साथ दूसरी प्रॉब्लम भ्रष्टाचार की है. पिछले कुछ महीनों में बहुत ही एक मजबूत कैंपेन चलाया गया है 40% सरकारी कमीशन के खिलाफ. बोम्मई सरकार के ऊपर की गवर्नमेंट के कॉन्ट्रैक्ट पर इनके नेता और मंत्री जो हैं वह कमीशन काटते हैं. वह इतना अधिक काटते हैं कि एक कांट्रेक्टर ने तो आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद सरकारी कांट्रेक्टर का जो यूनियन था उसने एक प्रेस कांफ्रेंस करके यह बोला था कि अगर रूलिंग पार्टी के लोग अपना कमीशन लेना कम नहीं करेंगे तो वे सरकारी कॉन्ट्रैक्ट के लिए नीलामी प्रक्रिया में जाना छोड़ देंगे. चूंकि, सरकारी कॉन्ट्रैक्ट से उनको कोई फायदा नहीं हो रहा है. कमीशन बांटने के बाद उनके हाथ में कुछ नहीं आ रहा है. इस तरह की चीजें बोम्मई सरकार के साथ हुई हैं.

इसके साथ ही हिंदुत्व के मामले में भी भाजपा को थोड़ा-बहुत चैलेंज है, क्योंकि प्रधानमंत्री खुद बहुत बड़े हिंदुत्व आइकॉन हैं. वो पॉपुलर हैं कर्नाटक में. अगर वह बचा सके तो बचा लें, क्योंकि बीच में ऐसा हुआ था कि एक-दो हत्याएं हुई थी BJYM लड़कों की. एक्चुअली जो बैकवर्ड विल्लव कम्युनिटी है उन्हीं के कम्युनिटी के 2 लोग मारे गए थे. उनको यह लगा कि भाजपा की सरकार के होने के बावजूद उनकी रक्षा नहीं हो पा रही है. जो आरोपित हैं उनको पकड़ा नहीं जा रहा है. ऐसे में ये बहुत ही चैलेंजिंग स्थिति है बीजेपी के लिए. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के फेवर में बहुत सारी चीजें हैं