नई दिल्ली: कर्नाटक के शिवमोगा जिले में खुदाई के दौरान टीपू सुल्तान के समय के करीब 1000 युद्ध रॉकेट मिले हैं। इनका इस्तेमाल दुश्मन के खात्मे के लिए किया जाता था। बताया जा रहा है कि जिले के ही एक गांव के सूखे कुंए में तलछट की खुदाई चल रही थी जिस वक्त यह रॉकेट मिले। इनकी जांच करने पर पता चला कि ये 18वीं शाताब्दी के हैं। इनका इस्तेमाल टीपू सुल्तान के शासन काल के दौरान किया जाता था। टीपू उस वक्त मैसूर का शासक था।
पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिगदानुरु में सुपारी के खेत में एक पुराने कुंए की खुदाई के दौरान मजदूरों को ये रॉकेट मिले हैं। यह रॉकेट बेलनाकार के हैं और लोहे से बने हैं। वहीं पुरातत्व विभाग के आयुक्त वेंकटेश ने बताया कि आज से करीब 6 साल पहले भी यहीं से टीपू सुल्तान के रॉकेट मिले थे।
उन्होंने आगे बताया कि अब इन रॉकेटों को शिवप्पा नायक म्यूजियम शिवमोगा में रॉकेट गैलरी के तौर पर संरक्षित करके रखा जाएगा। टीपू सुल्तान के काल में इस्तेमाल किए गए कुछ अन्य रॉकेटों को लंदन के म्यूजियम में संरक्षित करके भी रखा गया है। बता दें टीपू सुल्तान ने ब्रिटिश सेना से मुकाबले के लिए आधुनिक युद्ध की तकनीकों का इस्तेमाल किया था।
गौरतलब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में जमीन की खुदाई करते वक्त 12वीं सदी के सोने के सिक्के मिले थे। वहां सड़क की मरम्मत का कार्य चल रहा था। सड़क की मरम्मत करते वक्त 10 जुलाई को एक मटका मिला था। उसमें 57 सोने के सिक्के, एक चांदी का सिक्का और एक सोने की बाली मिली थी। जांच करने पर पता चला कि वह सब यादव वंश के समय प्रचलित थे