कमाला खान मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स में अपना खुद का टीवी शो पाने वाली पहली मुस्लिम सुपरहीरो हैं. शो में मुस्लिम परिवारों के चित्रण को पश्चिम में बसे दक्षिण एशियाई मूल के मुस्लिमों ने काफी सराहा है.
जुमाना जाकिर ने फैसला कर लिया है कि इस साल हैलोवीन पर वो क्या बनेंगी. उनकी नई मनपसंद सुपरहीरो कई मायनों में उन्हीं के जैसी है. महिला, किशोर, मुस्लिम, अमेरिकी और “पूरी तरह से गजब की.” कैलिफॉर्निया के ऐनहाइम की रहने वाली 13 वर्षीय जुमाना कहती हैं, “कमाला खान मैं ही हूं. वो बिल्कुल मेरे जैसी है.”
कमाला खान अपना खुद का टीवी शो पाने वाली मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की पहली मुस्लिम सुपरहीरो हैं. “मिस मार्वल” डिज्नी प्लस पर आठ जून को शुरू हुआ था और तब से उसने पश्चिम में बसे दक्षिण एशियाई मूल के मुस्लिमों के दिलों में एक खास जगह बना ली है.
समावेश और प्रतिनिधित्व का समर्थन करने वाले उम्मीद कर रहे हैं कि इस शो की वजह से टीवी के परदे पर मुसलमानों और उनकी समृद्ध विविधता के बेहतर चित्रण के लिए दरवाजे खुलेंगे. शो में पाकिस्तानी कैनेडियन एक्टर ईमान वेल्लानी ने कमाला खान का किरदार अदा किया है.
चित्रण की अहमियत
खान में एक जादुई कड़ा पहनते ही जादुई शक्तियां आ जाती हैं जिनसे वो हवा पर चल सकती हैं और जगमगाती रोशनी के शील्ड पैदा कर सकती हैं. लेकिन वो एक सामान्य दक्षिण एशियाई मुस्लिम किशोरी भी हैं जो मस्जिद जाती हैं, कभी कभी सल्वार कमीज जैसे पारंपरिक कपड़े पहनती हैं, अपने भाई की शादी में बॉलीवुड के गानों पर नाचती हैं और कभी कभी देर रात अपने दोस्त ब्रूनो कारेली के साथ घूमने फिरने भी निकल जाती हैं.
पूर्वी लंदन में पले बढ़े 50 वर्षीय पाकिस्तानी मुनीर जमीर कहते हैं कि पहले कॉमिक्स में “न्यू जर्सी में रहने वाली एक भूरी, पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की” को देखना और अब अपने किशोर बच्चों के साथ “मिस मार्वल” देखना एक शक्तिदायी तजुर्बा है. जमीर सात साल की उम्र से मार्वल फैन रहे हैं और उन्होंने 2014 में कॉमिक्स में मिस मार्वल की शुरुआत से ले कर अब तक कमाला खान के किरदार के विकास को देखा है.
वो कहते हैं, “विशेष रूप से मुस्लिमों के लिए चित्रण बहुत मायने रखता है क्योंकि कई सालों से गलत चित्रण के कहीं ज्यादा मायने रहे हैं.” जमीर बताते हैं कि मार्वल की दुनिया में “डस्ट” के नाम से जानी जाने वाली सुरैया कादिर जैसे और भी मुस्लिम सुपरहीरो हैं. कादिर एक लहराती हुई काली पोशाक पहनती हैं, अपने बाल और चेहरे को ढक कर रखती हैं और अपने शरीर को धूल के एक बादल में बदल सकती हैं.
जमीर कहते हैं, “उस विवरण में भी कुछ क्लासिक रूपक हैं…लेकिन कमाला खान किसी मुस्लिम देश की कोई एक्सॉटिक महिला नहीं हैं. यह उन्हें मार्वल यूनिवर्स में तुरंत सबसे अलग कर देता है.” “मिस मार्वल” में मुस्लिम महिलाओं के अलग अलग किस्म के तजुर्बे पिछले साल छपी एक रिपोर्ट में सामने लाए गए तथ्यों से बिल्कुल अलग हैं.