साहित्य

कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा?…लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़ें!

Laxmi_sinha
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क्या हमने कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर
कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो
क्या होगा,,?


प्रकृति के नियम अनुसार पतझड़ के मौसम में
असंख्य पत्ते पैडों से गिरते हैं,परंतु इस पर न पेड़
रोते हैं और न गिरते हुए पत्ते। क्यों? क्योंकि वे
प्रकृति के नियमों की भली-भांति जानते हैं। दूसरी
ओर हम मानव प्रकृति के विधान की अवहेलना
करते रहते हैं। इसकी न केवल हमें, अपितु प्रकृति
के हर छोटे-बड़े जीव-जंतुओं और यहां तक की
हमारी भावी पीढ़ियों को भी क्षति उठानी पड़ती है।
यह जानते हुए कि ऐसा करने में हमारी हानि है,
फिर भी हम ऐसी मूर्खता क्यों करते हैं? क्योंकि
अपने स्वार्थ में अंधे होकर हम खुद को श्रेष्ठ
समझने की भूल करने लगते हैं। क्या हमने कभी
यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन
नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा?
हम मनुष्य तो बचपन से स्वतंत्र पंछी की तरह
जीने के अभ्यस्त होते हैं।ऐसे में अगर कोई हम पर
बलपूर्वक अंकुश लगाने की कोशिश करे तो हमें
दमन की भावना महसूस होने लगेगी। फिर हमारा
आत्मा खुली हवा में सांस लेने के लिए फड़फड़ाने
लगेगी। हम आशंकित हो जाएंगे और स्वयं को
उससे दूर करना शुरू कर देंगे। जीवन के किसी
भी मोड़ पर जाने_अनजाने कोई हमें या फिर हम
किसी को नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं।
इस समस्त प्रक्रिया में यह भूल जाते हैं की हम
दूसरों पर जितना अधिक नियंत्रण करने की
कोशिश करेंगे, हमारा उनके ऊपर प्रभाव उतना
ही कम पड़ेगा जबकि दूसरों को नियंत्रण करने
का हम जितना कम प्रयास करेंगे, उन पर हमारा
प्रभाव उतना ही अधिक पड़ेगा। अतः शांतिपूर्ण
जीवन जीने के लिए सबसे अच्छा तरीका अगर
कोई है तो वह है सहअस्तित्व की नीति को
अपनाना। यदि हम अपनी श्रेष्ठता को किनारे
रखकर हर जीव के जीने के अधिकार के बारे में
तटस्थ होकर सोचेंगे तो स्वयं भी सुखी जीवन
जी सकेंगे और जीवों को भी सुखी जीवन जीने
का अवसर प्रदान कर सकेंगे।

#Laxmi_sinha
प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी(बिहार)