साहित्य

कभी बैठेगा मेरे पास तो तुझे बताऊंगी…क्या-क्या हुआ इस शहर में एक तेरे चले जाने के बाद…By-Geeta Baisoya

Geeta Baisoya
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कभी बैठेगा मेरे पास तो तुझे बताऊंगी….
क्या-क्या हुआ इस शहर में एक तेरे चले जाने के बाद…..
लोगों ने कितने इल्जाम लगाए मुझ पर….
तेरे मेरे इश्क को जानने के बाद…..
तू तो चला गया था मुझे यहां अकेला छोड़कर….
क्या बताऊं क्या बीती मुझ पर तेरे जाने के बाद….
हर कोई छिंटाकशी करता था मुझ पर….
जैसे इश्क नहीं कोई गुनाह कर दिया हो मैंने….
हर रोज सुबह मेरी तानों के साथ शुरू होती हैं….
और शाम आते-आते वो गलियों में तब्दील होती हैं…
जीना जैसे दुश्वार हो गया हैं मेरा…..
क्या बताऊं तुझे क्या हाल हो गया हैं मेरा….
जिंदगी अब बोझ सी लगने लगी है…..
तेरी कमी मुझे बहुत खलने लगी है….
जिल्लत अब बर्दाश्त होती नहीं मुझ से
तू लौट कर आएगा भी या नहीं,ये बता मुझे…
क्योंकि अब मेरी हर सांस मुझको खुद पर बोझ लगने लगी है……
Geeta Baisoya…. ✍️

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