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*ननद जब देखो मायके मांगने चली आती है*….✍️लक्ष्मी कुमावत की रचना पढ़िये!
Laxmi Kumawat ============== * ननद जब देखो मायके मांगने चली आती है * सुनीता अपना सारा काम निपटाकर अपने कमरे में आराम कर रही थी कि इतने में बाहर से डोर बेल बजने की आवाज आई। आवाज सुनते ही सुनीता बड़बड़ाती हुई दरवाजा खोलने गई। लेकिन दरवाजे पर शायद कोई बेसब्री इंसान खड़ा था। उसे […]
एक औरत के त्याग की कहानी : पगलिया
Mritunjay Pandey =========== एक औरत के त्याग की कहानी: पगलिया “ए सुनीता, देखो पगलिया बैठी है दुआर पर. कुछ बचा है तो दे दो खाने को. इसका भी ना जाने कौन जनम का कर्जा खाए हैं. दोनों बेर (वक्त) का खाना महरानी को यहीं से चाहिए. जैसे कि नौकर लगे हों इनके.“ नलके का हैंडिल […]
“क़र्ज़”……जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी…
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ============= ” कर्ज……. विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी …पति शहर से बाहर थे … जिस रिश्ते के भाई को स्टेशन से ट्रेन मे बिठाने को कहा था वो लेट होती ट्रेन की वजह से रुकने में मूड में नहीं था […]