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कनाडा में प्रवासी भारतीयों के लिए समस्याएं बढ़ीं : रिपोर्ट

भारत और कनाडा के बीच पैदा हुए राजनैतिक संकट का असर अब समाज में भी देखने में आ रहा है। जहां भारतीय मीडिया का एक वर्ग इस मामले में अलगाववाद के समर्थक सिखों के ख़िलाफ़ बड़ी कठोर भाषा इस्तेमाल कर रहा है वहीं कनाडा में रह रहे हिंदु समुदाय के लोगों को धमकियां दिए जाने की ख़बरें आ रही हैं।

एक सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच विवाद ने प्रवासी भारतीय समुदाय में राजनीतिक बहस को हवा दे दी है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो गया जिसमें अमेरिका का एक सिख अलगाववादी ग्रुप कनाडा के हिंदुओं को भारत लौटने को कह रहा है।

कथित तौर पर यह वीडियो 12 सितम्बर को फ़िल्माया गया था, जिसमें सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि भारतीय कनाडाई हिंदुओं, आपने कनाडा और कनाडा के संविधान के प्रति अपनी निष्ठा से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब आपका ठिकाना भारत है। कनाडा छोड़िए, भारत जाइए।

पन्नू कनाडा और अमेरिका के दोहरे नागरिक हैं और निज्जर के मित्र थे, उनका ये वीडियो ऑनलाइन और भारतीय मीडिया में बहुत अधिक शेयर किया गया।

इन चीज़ों ने भारतीय प्रवासियों के बीच विभाजन को उजागर कर दिया और कनाडा के धमाकेदार आरोप ने इसे बढ़ाया ही है, हालांकि भारत ने निज्जर की हत्या में किसी तरह के हाथ होने से इनकार कर दिया है।

निज्जर की हत्या के मद्देनज़र पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ था, हत्या के ख़िलाफ़ उनके समर्थकों ने पूरे कनाडा में प्रदर्शन किया और भारत पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए।

इन प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ भारत सरकार के समर्थकों ने जवाबी प्रदर्शन किए।

कनाडा में ‘भारत विरोधी नारों’के साथ हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की घटनाएं हुईं।

भारत ने खालिस्तान आंदोलन का कड़ा विरोध किया और निज्जर को एक ‘टेररिस्ट’ घोषित किया।

बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में पन्नू ने कहा कि ‘उनके बयान का मक़सद सभी हिंदुओं को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि उन लोगों पर था जो भारत सरकार के हितों की तरफदारी कर रहे हैं,’ जो कि, उनके मुताबिक, ‘बहुसंख्यक हिंदू हैं।

कनाडा में रहने वाले बहुत से सिखों ने हिंदू समुदाय के लोगों को धमकी दिए जाने की निंदा की है।