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कद्दू…..भारत के इतिहास की सबसे प्राचीनतम सब्ज़ियों में है…

ऋतु चौधरी
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भारत के इतिहास की सबसे प्राचीनतम सब्ज़ियों में है कद्दू. यद्यपि वैदिक सभ्यता जैसे ऋग्वेद आदि में कद्दू का ज़िक्र नहीं है. उस युग में जौं, गेहूं, चावल, बैंगन, सरसों का ज़िक्र है. भारतीय इतिहास में सबसे पहले ज़िक्र चरक संहिता में कद्दू का आया.
उत्तर अमेरिका में लगभग छः हज़ार वर्ष पूर्व कद्दू की सब्ज़ी उगना आरंभ हुई और समय के साथ यह शेष विश्व में फैली. भारत में जहां हरा कद्दू खाने का प्रचलन है, अमेरिका जैसे देशों में पीला कद्दू पका कर खाया जाता है.
कद्दू, लौकी जैसी बेल घरों में उगाना बहुत आसान होता है तो प्रायः गाँव में घर में छप्पर पर यह बेल उगा ली जाती हैं हज़ारों साल से. यह एक बड़ी वजह है कि कद्दू लौकी जैसी सब्ज़ियाँ सभी व्रत में भी खाई जाती हैं. कोई भी मांगलिक कार्य कद्दू पूड़ी के बग़ैर सम्पन्न नहीं होता. हम जैसे ग्रामीण अंचल वाले लोग जहां कही रहते हैं कद्दू लौकी आदि उगा ही लेते हैं अपने भर के लिए.
हमारी तरफ़ के माली कहते हैं कि कद्दू की बेल इतनी सेंसिटिव होती है कि यदि उसकी ओर बार बार उँगली से इशारा करे तो फल मुरझा जाता है. इसका लॉजिक क्या है ये तो पता नहीं पर प्रैक्टिकल में मैंने भी देखा है कि यदि उग रहे कद्दू की ओर बार बार उँगली दिखाओ तो यह मुरझा जाता है…..
नितिन जी की वॉल से
कद्दू एक ऐसी सब्जी हैं जिसका फल अगर बेल पर ही पका हो तो लम्बे समय तक खराब नहीं होता अपनी बेल से तोड़ने के बाद ❤️