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कंगना को पोर्न शब्द से आपत्ति नहीं है : देश, धर्म, समाज, इंसानियत से इनका नाता कैसा,,,बिकना इनका काम है…!!पोर्न इंडस्ट्री की सच्चाई!!

पहले के वक़्त में नाच गाने के लिए तवाफ़ियों की हवेलियां हुआ करती थीं जिन्हें तवाइफ़ों के कोठे कहा जाता है, यहाँ पर महिलाएं नाच गाना करती थीं जिसे देखने सुनने बड़े बड़े लोग पहुँचते थे और इन गाने वालियों को महंगे,कीमती तोहफे व् मोटी रकम दिया करते थे, तवाइफ़ों के कोठों पर साज़ का काम मर्द किया करते थे, वक़्त के साथ बदलाव आया और कोठों की जगह वश्यालों ने लेली, वैसे वश्यायालय नयी चीज़ नहीं है बल्कि ये तवाईफखानों से बहुत से मौजूद हुआ करते थे,

भारत में तवायफखानों का चलन तुर्की के सुल्तानों की हुकूमत के साथ शुरू हुआ था जहाँ साफसुथरे माहौल में सिर्फ नाचगाना हुआ करता था वहां किसी भी तरह का जिस्मफरोशी का कारोबार नहीं होता था, जबकि वश्यायालों में जिस्मफ़रोशी का धंधा आम था, शहर-शहर वश्यायालय खुले होते थे जिनमे पेशा करने वाली महिलाओं को नगर वधु कहा जाता था


आगे चल कर जिस्मफरोशी एक विवस्थित कारोबार बन गया, आज के समय में इस गंदे धंधे में करोड़ों महिलाएं और उनके दलाल लिप्त हैं, ये विश्व का सबसे तेज़ी से फैलने वाला धंधा बन गया है, इस धंधे में कमाई बहुत ज़्यादा है, पैसे की भूख अच्छे घरों की महिलाओं को भी इस धंधे में ले आयी है, आज जिस्मफरोशी का कारोबार पहले की तरह शहर की कुछ चुनिंदा गलियों या इलाके में नहीं होता है बल्कि बड़े शहरों से लेकर दूरदराज़ के देहातों, गॉंवों तक में होने लगा है

बड़े शहरों में महंगे फ्लैट्स में पढ़े लिखे/इज़्ज़तदार कहे जाने वाले लोग इस कारोबार में शामिल हो चुके हैं, विदेशी एस्कॉर्ट्स की ऑनलाईन/ऑन डिमांड सप्प्लाई यहाँ से होती है, नेता, व्यवसायी, अधिकारी सब एस्कॉर्ट्स के ग्राहक होते हैं, बूढ़े मराऊ रखे नेताओं को 16 साल की लड़की चाहिए होती है, अधिकारीयों को विदेशी बालाएं बहुत पसंद आती हैं

जैसे जैसे समय बदलता गया चीज़ीं और बुरी होती गयीं, आज के वक़्त में पोर्न इंडस्ट्री विश्व में कमाई के मामले में सबसे आगे है, यूरोप के अनेक देशों में जिस्मफरोशी और पोर्न का कारोबार लीगल है वहां की सरकारों ने इसको करने की छूट दे रखी है, इन देशों के समाज ने भी इन सबको भलीभांति अपना लिया है


भारत में पोर्न का बड़ा कारोबार है, साउथ से लेकर नार्थ और ईस्ट से लेकर वेस्ट तक फैला है, भारत की कई पोर्न स्टार विश्व विख्यात हैं, इनके करोड़ों फॉलोवर्स हैं, इन पोर्न एक्ट्रेसेस को अपने किये पर कोई शर्म भी नहीं आती शायद,


फिल्म अभिनेत्री और बीजेपी की मंडी विधानसभा सीट से कैंडिडेट कंगना रौनावत ने अपने एक टीवी इंटरव्यू में अभनेत्री उर्मिला को सॉफ्ट पोर्न स्टार कहा था, जिसको लेकर सोशल मीडिया में तमाम वीडियो वॉयरल हो रहे हैं, अपने बयान पर कंगना कहती हैं कि “मुझे बताओ, क्या ‘सॉफ्ट पोर्न’ या ‘पोर्न स्टार’ आपत्तिजनक शब्द हैं? नहीं! वे आपत्तिजनक शब्द नहीं हैं”, कंगना को पोर्न शब्द आपत्तिजनक नहीं लगता है, तो क्या ये मान लिया जाये कि अगर उन्हें पोर्न फिल्म में काम करने का किसी ने प्रस्ताव दिया होता तो वो काम नहीं करती, जब कंगना को पोर्न शब्द से आपत्ति नहीं है तो इन फ़िल्मों में काम करने से आपत्ति कैसे हो सकती है


आज के कलाकार कला के लिए काम नहीं करते हैं, आज इनकी पहली प्राथमिकता पैसा होती है, पैसे के लिए नगन सीन हो या पोर्न फिल्म सब स्वीकार्य है, नेता और अभिनेता में ज़्यादा फ़र्क़ नहीं रहा है, दोनों का मकसद आज के समय में सिर्फ पैसा कमाना रह गया है, उसके लिए कोई जिस्म बेचता हो तो कोई ज़मीर और देश, धर्म, समाज, इंसानियत से इनका नाता कैसा,,,,बिकना इनका काम है……