स्वामी देव कामुक
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कुछ लोग प्रेम तो बेतहाशा देते हैं..
लेकिन फिर उसे एक झटके में छीन भी लेते है और सामने वाले को तड़पने के लिए छोड़ देते है..जैसे कोई किसी माँ से उसके दुधमुँहे बच्चे को छीन ले तो वो तड़प उठती है..!
प्रेम देने वाले को अगर जाना भी हो तो उसे ठीक उसी तरह जाना चाहिए जैसे एक मां अपने सोते हुए बच्चे को थपकी देते हुए उसे नींद आने पर धीरे से हाथ हटा लेती है और उस बच्चे को ये भान रहता है कि उसकी माँ अभी भी उसके पास है..!
जिन्हें प्रेम चाहिए होता है उनके लिए आपके पास होने से ज्यादा..आपके पास होने की अनुभूति मायने रखती है..!!
तुम्हारा स्वामी देव
स्वामी देव कामुक
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” औरत ” को समझिए
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औरत सिर्फ जिस्म और शक्ल से ही खूबसूरत नहीं होतीं, बल्कि वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं, क्योंकि
∆ प्यार में ठुकराने के बाद भी, किसी मर्द पर तेज़ाब नहीं फेंकती!
∆ उनकी वज़ह से कोई पुरुष दहेज़ में प्रताड़ित हो कर फांसी नहीं लगाता !
∆ उनकी वजह से लड़कों को आने जाने का रास्ता नही बदलना पड़ता,
∆ वो राह चलते लड़को पर अभद्र टिप्पणीयां नही करती!