साहित्य

औरत को सपने में भी सुख नहीं मिलता

स्वामी देव कामुक
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औरत क्या है ? इस सवाल का जवाब हर कोई अपने नजरिए से देता है एक नजरिया मेरा भी पढ़ लो।

एक मांस का पुतला बाहर से सुन्दर और आकर्षित करती चमड़ी ओर उस चमड़ी को सजाया गया है नख से लेकर सर तक। तभी सुन्दर दिखती है ।
बिना श्रृंगार के त़ो रुप सौंदर्य कम आकृष्ट करता है। गरुड़ पुराण में वर्णित है जब जीव अत्यंत पाप कर लेता और फिर मृत्यु के पश्चात कर्म के अनुसार उसे अलग अलग योनि (जाति)में जन्म लेना पड़ता है।

हर निम्न से निम्न योनियों में जन्म मृत्यु लेकर पाप कर्म भोगने से भी उसके पाप पुरे नष्ट नहीं होते हैं तो उसे मनुष्य जाति में नारी बना कर कर्म फल भोगने के लिए भेजा गया है ‌‌।

एक औरत आजीवन गुलाम बन कर जीती है रामायण में एक बात कहती हैं सीता माता ने कहा है औरत को सपने में भी सुख नहीं मिलता है । जब छोटी होती है तो माता पिता के अधीन होती है।जवान होती है तो पति के अधीन होती है और बुढ़ापे में बच्चों के अधीन होती है।

हर लेखक और पुरुष ने औरत को अलंकारों से सजाया है बनावटी आकृति बनाई है सभी ने अपने अपने तरीके से किसी ने मृगनयनी कहा है तो किसी ने अप्क्षरा बता कर वर्णन किया है। तो किसी ने नारी के होंठों को कमल पंखुड़ियों सा बताया।

औरत के रुप सौंदर्य को देख कर बड़े बड़े तपस्वी, संत तक काम वासना जगा उठें तो साधारण पुरुष क्या कर सकते हैं। औरत की रचना ही मोहित करने वाली की है। एक बार देख ले तो काम के मन में भी वासना जाग जाएं।

नारी किसी का भोग नहीं करती है पुरुष उसके शरीर को भोग समझ कर भोगता है, और अति कामुक और वासनाओं में डूबे पुरुष नर्क गामी हों जाते हैं।
मगर सच कहूं तो औरत भी एक मांस का पुतला है और कुछ भी नहीं औरत के भीतर भी मांस,खुन हड्डियों का कंकाल इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है। जिस सीने को देख कर पुरुष के मन में काम वासना जागती है वो भी मांस के ही लोथड़े है इससे ज्यादा कुछ नहीं।

नारी पावन होती तो क्यों उसके शरीर की इस तरह रचना नहीं होती हर महीने एक नर्क से गुजरती है, जिस अंग को लेकर पुरुष ज्यादा कामुक होता उस गुप्त अंग योनि से खून, मेला निकलता है, और इसी किचड़ भरे दलदल में फंसते हैं कामी, पांच दिन रजवसला सूतक से गुजरना पड़ता है गर्भवती होती है तो नौ महीने तकलीफ से गुजरती है और जब सन्तान को जन्म देती है तो एक मौत से गुजरती है।

स्वामी देव कामुक
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सुनो….
एक बात बताऊँ….
तुम हो या ना हो
दोनों ही चीजें बहुत
मायने रखता हैं मेरे लिये
हाँ सही में….
तुम्हारा साथ बहुत सूकुन
देता हैं
फिर कोई फ़र्क़ नही पड़ता
तुम दूर हो या क़रीब हो…
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि
तुमसे बातें कितनी होती है
पुरानी बातें पुरानी यादें
कहीं ना कहीं तुम्हें मेरे दिल
ओ दिमाग में मौजूद रखता है
कभी दूर से अनदेखी एक
झलक भी काफी हो जाती हैं
कुछ महीनों या कुछ वर्षों की
दूरियों को कम करने के लिये
तुम्हें पता हैं सबसे बूरा ख़्याल
कौन सा होता हैं?
तुम्हें खो देने का ख्याल तक
रूह को कंपकंपा देता हैं
डरा देता है तुम्हारे नामौजूदगी
को सोचना भर भी…
इसलिए जैसे हो जो भी हो
बस तुम हमेशा साथ रहना
तुम्हारा स्वामी देव .


स्वामी देव कामुक
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एक सुंदर सीख ☺
एक पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया कि वह उसकी छह कमियाँ बताए।
जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए.
पति यह सुनकर हैरान रह गया और असमंजस की स्थिति में पड़ गया.
उसने सोचा कि मैं बड़ी आसानी से उसे ६ ऐसी बातों की सूची थमा सकता हूँ , जिनमें सुधार की जरूरत थी
और ईश्वर जानता है कि वह ऐसी ६० बातों की सूची थमा सकती थी, जिसमें मुझे सुधार की जरूरत थी.
परंतु पति ने ऐसा नहीं किया और कहा –
‘मुझे इस बारे में सोचने का समय दो,
मैं तुम्हें सुबह इसका जबाब दे दूँगा.’
पति अगली सुबह जल्दी ऑफिस गया और फूल वाले को फोन करके उसने अपनी पत्नी के लिए छह गुलाबों का तोहफा भिजवाने के लिए कहा जिसके साथ यह चिट्ठी लगी हो,
“मुझे तुम्हारी छह कमियाँ नहीं मालूम, जिनमें सुधार की जरूरत है.
तुम जैसी भी हो मुझे बहुत अच्छी लगती हो.”
उस शाम पति जब आफिस से लौटा तो देखा कि उसकी पत्नी दरवाज़े पर खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी,
उसकी आंखौं में आँसू भरे हुए थे, यह कहने की जरूरत नहीं कि उनके जीवन की मिठास कुछ और बढ़ गयी थी।
पति इस बात पर बहुत खुश था कि पत्नी के आग्रह के बावजूद उसने उसकी छह कमियों की सूची नहीं दी थी.
इसलिए यथासंभव जीवन में सराहना करने में कंजूसी न करें और आलोचना से बचकर रहने में ही समझदारी है।
ज़िन्दगी का ये हुनर भी आज़माना चाहिए,
जंग अगर अपनों से हो तो हार जाना चाहिए!!
पसीना उम्र भर का उसकी गोद में सूख जाएगा…
हमसफ़र क्या चीज है ये बुढ़ापे में समझ आएगा..!! 🔥🔥🔥

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है