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“अम्मा….आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है”
Rishi Kumar Pandey =================== *अनजान से आत्मिक स्नेह* “अम्मा!.आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।” डाकिया बाबू ने अम्मा को देखते अपनी साईकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को उतार आंचल से साफ कर वापस पहनती अम्मा की बूढ़ी आंखों में अचानक एक चमक सी आ गई.. “बेटा!.पहले जरा बात करवा दो।” अम्मा ने […]
दर्द लिखना चाहती हूं तो अल्फ़ाज़ मर जाते हैं….by-kiransingh
अयोध्या की किरन ================== दर्द लिखना चाहती हूं तो अल्फ़ाज़ मर जाते हैं। कलम ही नहीं चलती तो कागज बिखर जाते हैं। शब्दों का कसूर ही क्या जो वही गुनहगार हुआ। जिसका इंतजार था मतलब वही इंतजार हुआ। निगाहें बदल जाती हैं मगर तस्वीर नहीं बदलती। किस्मत बदल गई है मगर तकदीर नहीं बदलती। मेरी […]
हर शाख़ पे उल्लू बैठा है…..By – डॉ अंजना गर्ग
हर शाख पे उल्लू बैठा है…..डॉ अंजना गर्ग ========= समय का दान “मीना इतवार को तो तेरी छुट्टी होती है फिर कहां से आ रही है। पिछले रविवार भी मैंने देखा था सुबह सुबह भाग रही थी ।”सरोज ने अपनी पड़ोसन मीना से पूछा । “बस कुछ खास नहीं । मैं हर इतवार को महिला […]