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जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई…. तब….,,,लक्ष्मी सिन्हा की रचना!
Laxmi Sinha =========== जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई । तब इसकी तमाम विशेषताओं में विविधता एक प्रमुख विशेषता थी। इसीलिए सृष्टि के कण- कण में विविधता दृष्टिगोचर होती है। इस जड़ चेतनरूप संसार में एक जैसा कुछ भी नहीं। यही विविधता सृष्टि के सौंदर्य का कारण है। वास्तव में सौंदर्य का प्रस्फुटन विविधता […]
काश! मेरे भी पापा होते….
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== यश पैर पटकता हुआ रूम से निकला और अपने पापा की कार में पिछली सीट पर जाकर बैठ गया. दीपक और उनकी पत्नी उदास से कार में बैठे थे… क्योंकि यश की प्रतिक्रिया देखकर जाने का मन नहीं था, पर बचपन के दोस्त शेखर ने अपने बर्थडे पर सपरिवार बुलाया था. […]
क्या मुझे उससे मोहब्बत हो गई है?
कश्मीरा शाह चतुर्वेदी ========== “एक लेडी डॉक्टर का पहला प्यार!❤️ डॉक्टर बन जाने के बाद रिश्ते का इंतिज़ार शुरू हो गया। लेकिन अम्मी अब्बु को कोई रिश्ता पसंद ही नही आता था। चुनांचे उमर रफ्ता-रफ्ता ढलने लगी। लेकिन कहते है खुदा के घर मे देर है अंधेर नही। फिर जब एक दिन हॉस्टल से लोटी […]