नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर की गई जिसमें असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली 50 से अधिक साल पुरानी पार्टी ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन का एक राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि वह सिर्फ मुस्लिमों से संबंधित मुद्दे को उठाती है और धर्म के नाम पर वोट मांगती है।
शिवसेना की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग के 19 जून 2014 के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है, जिसके जरिये ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को तेलंगाना के राज्यस्तरीय दल की मान्यता दी गई थी।
याचिकाकर्ता तिरुपति नरसिंह मुरारी ने दावा किया ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन का संविधान और काम उच्चतम न्यायालय द्वारा तय दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और पार्टी को अयोग्य ठहराया जाना चाहिये क्योंकि उसके लक्ष्य और उद्देश्य धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा के खिलाफ हैं. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की जरूरतों में से एक है।
#BREAKING – Telangana @ShivSena chief T.N Murari moves Supreme Court by saying that AIMIM’s registration as a political party should be cancelled | @utkarsh_aanand with more details pic.twitter.com/Qdx6ZG7hZL
— News18 (@CNNnews18) September 4, 2018
अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग को एआईएमआईएम को पंजीकृत राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता देने और मानने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है।