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ओडिशा सरकार का फ़ैसला, राज्य में ओबीसी वर्ग के लोगों की गिनती कराएगी, प्रक्रिया 12 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी!

अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को ज़रूरी सुविधाओं से वंचित रखने के आरोपों के बीच ओडिशा सरकार ने ये फ़ैसला किया है कि वो राज्य में ओबीसी वर्ग के लोगों की गिनती कराएगी और ये प्रक्रिया 12 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी.

बिहार के बाद ओडिशा दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां पिछड़े वर्ग के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का डेटा इकट्ठा किया जाएगा.

साल 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार के इस फ़ैसले को विपक्षी पार्टियां पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को आकर्षित करने की बीजू जनता दल की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में पिछले वर्ग की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 54 फ़ीसदी है.

हालांकि नवीन पटनायक की सरकार ने इस फ़ैसले पर आधिकारिक रूप से यही कहा है कि सर्वे से पिछड़ा वर्ग के लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.

साल 2021 के मई और जून में भी ओडिशा सरकार ने राज्य में ओबीसी वर्ग का सर्वे कराने का फ़ैसला लिया था लेकिन कोरोना महामारी के कारण उसे टाल दिया गया.

ओडिशा के पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य में 209 जातियों के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा होने की पहचान की थी लेकिन अब इन जातियों की संख्या बढ़कर 231 हो गई है. राज्य कैबिनेट ने पिछले दिनों ही ओबीसी लिस्ट में 22 और जातियों को शामिल करने का फ़ैसला किया है.