Related Articles
पवित्र क़ुरआन पार्ट-18 : यह जीवन एक ही झटके में नहीं हुआ बल्कि छः लम्बे चरणों की प्रक्रिया से गुज़रने के बाद ऐसा हुआ!
वह वही है कि जिसने आसमानों और ज़मीन को छः दिन में बनाया और उसका अर्श (प्रभुत्व) पानी पर था, ताकि तुम्हें परखे कि तुम में से कौन सबसे अधिक भलाई करने वाला है। वह वही है कि जिसने आसमानों और ज़मीन को छः दिन में बनाया और उसका अर्श (प्रभुत्व) पानी पर था, ताकि […]
तौहीद और शिर्क : सूरए साफ़्फ़ात आयतें 114-122 : पार्ट-40
सूरए साफ़्फ़ात आयतें 114-122 وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَى مُوسَى وَهَارُونَ (114) وَنَجَّيْنَاهُمَا وَقَوْمَهُمَا مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِيمِ (115) وَنَصَرْنَاهُمْ فَكَانُوا هُمُ الْغَالِبِينَ (116) इन आयतों का अनुवाद हैः और हम मूसा और हारून पर भी उपकार कर चुके है (37:114) और हमने उन्हें और उनकी क़ौम को बड़ी घुटन और बेचैनी से छुटकारा दिया (37:115) हमने उनकी […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-39 : क्या मैं तुम्हें बताऊँ कि शैतान किस पर उतरते है…?!
सूरए शोअरा, पवित्र क़ुरआन का 26वां सूरा है। इसमें 227 आयते हैं। सूरए शोअरा की 4 आयतों के अतिरिक्त इसकी सारी आयतें पवित्र नगर मक्के में नाज़िल हुईं। आयतों की संख्या की दृष्टि से यह सूरए बक़रा के बाद क़ुरआन का दूसरा सबसे बड़ा सूरा है। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम […]