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एससी एसटी आरक्षण के फ़ैसले के विरोध में आज भारत बंद : उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत देशभर में भारत बंद का असर : रिपोर्ट

अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। बिहार के सभी 38 जिलों में कहां बंद का कैसा असर है

सीवान में भी भारत बंद का असर
सीवान में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। बंद को सफल बनाने के लिए भीम आर्मी, सीपीआईएमएल के सदस्य सड़क पर उतर गए और सभी चौक चौराहों को जाम कर दिया गया। यहां तक की बाइक, ऑटो, बस, सभी को पूरी तरह से जो जहां थे, वहीं खड़ा कर दिया गया। विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि संविधान का संशोधन करना चाहिए। संविधान में छेड़छाड़ और आरक्षण में छेड़छाड़ करना संविधान का उल्लंघन है। इसलिए हमलोग आज भारत बंद कर रहे हैं।

सासाराम में भी बंद का असर
भारत बंद को लेकर रोहतास के सासाराम में बहुजन समाज पार्टी तथा भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया एवं पोस्ट ऑफिस चौराहा को पूरी तरह से जाम कर दिया। लगभग दो घंटे तक पोस्ट ऑफिस चौराहा पूरी तरह से जाम है। जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। सड़क को बांस, बल्ला तथा रस्सी से घेर दिया गया है एवं परिवहन को रोक दिया गया है। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि आरक्षण के नाम पर कभी संसद तो कभी सुप्रीम कोर्ट तरह-तरह के फरमान जारी कर रही है। ऐसे में बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान पर खतरा नजर आ रहा है। समय-समय पर आरक्षण पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके खिलाफ यह लोग सड़क पर उतरे हैं। वह लोग मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में लिया गया निर्णय के खिलाफ संसद में सरकार अध्यादेश ले तथा बहुजन समाज के हित में फैसला सुरक्षित करें।

जो हमसे टकराएगा चूर-चूर हो जाएगा
पटना में प्रदर्शनकारियों ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जो हमसे टकराएगा चूर-चूर हो जाएगा। पुलिस प्रशासन हाय-हाय गुंडागर्दी नहीं चलेगी। इनका कहना है कि हम अपना अधिकार मांगते हैं। उनका कहना है कि डाकला चौराहा पर हम लोग खड़े हैं और हमें लोकतंत्र तरीके से अपना विरोध जाता रहे हैं। पुलिस प्रशासन हमेशा करने से रोक रही है। बंद समर्थक लगातार बैरियर को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। बंद समर्थकों को रोकने के लिए डाक बंगला चौराहा पर भारी संख्या में पुलिस बल सहित कई अधिकारी भी तैनात हैं। डाक बंगला चौराहा से आने जाने वाले रास्ते बंद हैं। बीएसपी के समर्थक सुप्रीम कोर्ट होश में आओ का नारा लगा रहे हैं।

संपर्क क्रांति ट्रेन को रोक दिया और हंगामा कर रहे हैं
मधुबनी में दलित संगठनों ने बुधवार को जगह-जगह जमकर प्रदर्शन किया। सड़कों पर कई संगठनों के नेताओं को पोस्टर बैनर लिए विरोध करते देखा जा रहा है। कई जगह आगजनी तो कई जगह यातायात बाधित होने की खबर सामने आ रही है। देशव्यापी आंदोलन के तहत दलित संगठनों ने बुधवार को मधुबनी जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर ट्रैन को रोककर घंटो आंदोलनकारी ने इंजन के सामने खड़ा होकर प्रदर्शन किया। इधर, आरा, दरभंगा ट्रेन रोक दी गई है। दरभंगा में प्रदर्शनकरियों ने संपर्कक्रांति ट्रेन को रोक दिया और हंगामा कर रहे हैं।

पटना पुलिस ने किया लाठीचार्ज
पटना में प्रदर्शकारियों डाकबंगला चौराहा से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पटना पुलिस ने समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानें। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। प्रदर्शन उम्र होते देखे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस अब वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अंबेडकर हॉस्टल के पास आगजनी
पटना में भी अब भारत बंद का असर दिखने लगा है। महेंद्रू सुल्तानगंज इलाके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंबेडकर हॉस्टल के पास प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की और अशोक राजपथ को जाम कर दिया। इधर बाइपास इलाके में जाम का असर दिख रहा है। यहां भी आवागमन बाधित है। बेउर मोड़ के पास भी सड़क जाम है। भीम आर्मी के कार्यकर्ता सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

छावनी में बदला पटना का यह इलाका
राजधानी के कई इलाकों में सुबह 11 बजे का असर देखने को नहीं लिया। हालांकि, एससी-एसटी और आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता 11 बजे के बाद सड़क पर उतरे। इस कारण कुछ इलाकों में जाम से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बंद समर्थक जेपी गोलम्बर के पास पहुंचे हैं। यहां पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया है। डाक बंगला चौराहा के पास महिला और पुरुष पुलिस बल पहुंच गए हैं। पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है।

नवादा में बंद से परीक्षार्थी परेशान
भारत बंद को लेकर नवादा बाजार को बंद कराया गया। शहर मुख्यालय के प्रजातंत्र चौक पर बंद समर्थकों द्वारा टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। सिपाही भर्ती की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को सेंटर पर पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ता पूरे शहर में घूम घूमकर दुकानों बंद करा रहे हैं। अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय पासवान उर्फ डी सी ने बताया कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एस सी एस टी वर्गों के आरक्षण में क्रिमिलेयर लागू किया गया जिसको लेकर भारत बंद किया गया है।आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

भोजपुर में भी बंद का असर
आरा में भी भारत बंद का मिला जुला असर दिख रहा है। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों की रफ्तार रोक दी है। इतना ही नहीं आगजनी कर चक्का जाम कर दिए हैं। विभिन्न दलों के नेताओं ने आरा रेलवे स्टेशन पर चक्का जाम कर दिया है। मैसूर रानी कमलापति सहरसा ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मौके पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस मौजूद है। मौके पर डीएम और एसपी पहुंच प्रर्दशनकारियों को समझा कर ट्रैक खाली करवाये। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने समाहरणालय के समीप पहुंच कर अम्बेडकर चौक को जाम कर दिया। जाम कर रहे प्रदर्शनकारी में भाकपा-माले, बासपा,आरजेडी और लोजपा रामविलास की पार्टी मौजूद रही।

यूपी में कहां-कैसा रहा बंद का असर?

आरक्षण समर्थक समूहों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने के लिए लखनऊ में आंबेडकर चौक पर बड़ी संख्या में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक जुटे। प्रयागराज में, बंद के मद्देनजर त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों को तैनात किया गया। आगरा में, विरोध-प्रदर्शनों के एक समूह ने पैदल मार्च निकाला और नारे लगाए और कानपुर में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए। शहर में बसों का संचालन भी सामान्य रहा।

उन्नाव, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, संभल, जालौन, इटावा, मथुरा, हाथरस और गोरखपुर समेत अनेक जिलों में भी आरक्षण के समर्थन में विभिन्न संगठनों द्वारा जुलूस निकाले जाने और प्रदर्शन किये जाने की खबरें मिली हैं। प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी के एक कार्यकर्ता ने पार्टी कार्यालय में ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “बसपा कार्यकर्ता आरक्षण को समाप्त करने के विरोध में हैं। हम इस बारे में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे।” पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाली आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने बिजनौर, सहारनपुर और आसपास के जिलों में विरोध मार्च निकाला।

यूपी में दिखा बंद का असर

आरक्षण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाए गए‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मामूली असर रहा। आरक्षण के समर्थन में राज्य के कई हिस्सों में दलित संगठनों ने जुलूस निकाले, पदयात्रा की और प्रदर्शन किया। राज्य में ज्यादातर दुकानें खुली रहीं और कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा। अनुसूचित जातियों (एससी) के आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के हाल के एक आदेश से असहमत कुछ समूहों द्वारा आहूत एक दिन के ‘भारत बंद’ के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई।

यूपी में भारत बंद से जुड़े प्रदर्शनों पर आया डीजीपी का बयान
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में और एससी/एसटी आरक्षण को वापस लेने की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है। उत्तर प्रदेश DGP प्रशांत कुमार ने बताया, “विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों द्वारा जो भारत बंद का आह्वान किया गया था उसके लिए व्यापक पुलिस बलों की स्थापना की गई है। हमारे अधिकारी संबंधित मजिस्ट्रेटों के साथ लगातार भ्रमणशील हैं। प्रजातांत्रिक तरीके से सभी जगहों से पत्रक लिए जा रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। कहीं भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है… सभी पक्षों के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के वार्ता हो चुकी है और सभी ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी। हम प्रदेश की जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि कानून-व्यवस्था किसी भी स्थिति में बिगड़ने नहीं दी जाएगी।”

सिपाही भर्ती पर भारत बंद का असर, प्रश्न पत्र ले जा रहे मजिस्ट्रेट को रोका
भारत बंद का असर अब सिपाही भर्ती परीक्षा पर भी देखने को मिल रहा है। सुबह से कई जिलों में सिपाही अभ्यर्थी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आवागमन बाधित होने के कारण वह समय पर परीक्षा केंद्र पर भी पहुंच नहीं पाए। इधर, वैशाली जिले के गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के सादुल्लापुर में बंद समर्थकों द्वारा प्रश्न पत्र लेकर जा रहे मजिस्ट्रेट को रोक दिया गया। मजिस्ट्रेट ने काफी समझाने की कोशिश की लेकिन बंद समर्थकों ने उन्हें पत्र पेपर केंद्र पर नहीं ले जाने दिया।

बिहार के जहानाबाद में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी
बिहार में केंद्रीय कॉन्स्टेबल चयन बोर्ड (सीएसबीसी) कई जिलों में पुलिस की विभिन्न इकाइयों में सिपाही पद के लिए बुधवार को भर्ती परीक्षा भी आयोजित कर रहा है। जहानाबाद जिले में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-83 (एनएच-83) पर यातायात अवरुद्ध किया और इस दौरान उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प हुई। जहानाबाद नगर थाना के अवर निरीक्षक हुलास बैठा ने पत्रकारों को बताया, “ऊंटा मोड़ के पास एनएच-83 पर यातायात अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे पांच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।”

झारखंड में भारत बंद का असर

झारखंड: आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में और इसे वापस लेने की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान करते हुए प्रदर्शन किया।

भोपाल में

एससी एसटी आरक्षण के फैसले के विरोध में कई संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। राजधानी भोपाल में इसे लेकर पुलिस पूरी तरह सतर्क है। पहले से पूरी व्यवस्थाएं की गई है। इधर गृह विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों, पुलिस कमिश्नरों और एसपी को कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। भारत बंद के आह्वान को लेकर कोई अप्रिय स्थिति न बने, इसलिए उचित कानून व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक अलावा और बरैया ने दिया समर्थन
इधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने भी वीडियो जारी कर बंद को समर्थन देने का ऐलान किया। धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा और भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया इस बंद के समर्थन में हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस बंद को लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं की है। इधर, पुलिस-प्रशासन बंद को लेकर अलर्ट है। गृह विभाग ने कानून व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने बंद
जानकारी के लिए बतादें कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए देश भर के दलित और आदिवासी संगठनों बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है।

संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए।बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 6-1 की बहुमत से एक बड़ा फैसला दिया था। इसमें एससी-एसटी समुदाय में उप कोटा लागू करने को सही ठहराया गया था। इसके साथ ही पीठ ने एससी-एसटी आरक्षण में ओबीसी आरक्षण की तरह क्रीमी लेयर का फॉर्मूला लागू करने का सुझाव दिया था।