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एक देश एक चुनाव को जल्द लागू किया जाना चाहिए : पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि एक देश एक चुनाव आज के भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसे जल्द लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश के चुनाव एक बार करना बिल्कुल संभव है। आजादी के 20 साल बाद 1967 तक देश के चार चुनाव इकट्ठे हुए थे। मैं 1952 के पहले चुनाव से राजनीतिक कार्य करता रहा। याद है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ होते थे। लोकसभा के पार्टी उम्मीदवार को बहुत कम खर्च

करना पड़ता था। विधानसभा के उम्मीदवार उसके लिए भी काम करते थे। इस कारण खर्च कम होता था। उन्होंने कहा कि 1967 के बाद चुनाव का पूरा चक्र बिगड़ गया।

अब पूरे पांच साल देश में कहीं न कही चुनाव होते रहते है। पूरे पांच साल देश केवल चुनाव के मूड़ में रहता है। दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा लोकतंत्र है जहां हर साल कहीं न कही चुनाव होते रहते हैं। विश्व के बाकी लोकतांत्रिक देशों में चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं। शांता कुमार ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हर साल चुनाव होने से पांच साल में करीब 15 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यह सारे चुनाव पांच साल की बजाए छह मास में एक ही बार करवा लिए जाएं तो पांच लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। 10 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। इतने धन से दो साल में भारत की गरीबी और बेरोजगारी दूर की जा सकती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि एक देश एक चुनाव की इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट को जल्द स्वीकार करके पूरे देश के चुनाव एकसाथ करवाने का निर्णय लिया जाए।