देश

‘एक देश-एक चुनाव’ का प्रस्ताव कोरोना वायरस से भी ज़्यादा ख़तरनाक़ है, भारत में इसकी आवश्यकता नहीं है : अभिनेता कमल हासन

फिल्म अभिनेता कमल हासन ने शनिवार को ‘एक देश-एक चुनाव’ के प्रस्ताव को खतरनाक और त्रुटिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के चुनाव कुछ देशों में समस्याएं पैदा कर चुके हैं। इसलिए भारत में इसकी आवश्यकता नहीं है और भविष्य में भी इसकी आवश्यकता नहीं होगी।

मक्कल नीधि माईम (एमएनएम) पार्टी के संस्थापक हासन ने कहा कि अगर 2014 या 2015 में एक साथ चुनाव होते, तो यह तानाशाही की स्थिति पैदा कर देता। जिससे आजादी कम होती और एक ही नेता का दबदबा बढ़ जाता। उन्होंने कहा, हमें समझना होगा कि हम इससे बच गए हैं। हम एक ऐसे रोग से बच गए हैं, जो कोरोनावायरस से भी ज्यादा खतरनाक था।

यह बात उन्होंने पार्टी की एक बैठक में कही। हालांकि उन्होंने किसी विशेष पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि यूरोप और रूस का उदाहरण देते हुए यह संकेत दिया कि ऐसे चुनावों के परिणाम क्या हो सकते हैं, लेकिन किसी विशेष देश का नाम नहीं लिया, जहां यह प्रणाली विफल रही हो।

कमल हासन ने एक उदाहरण देते हुए कहा, अगर सभी ट्रैफिक लाइट एक साथ एक ही रंग में जलें, तो क्या होगा? उन्होंने कहा कि लोगों को सोचने और अपने विकल्प चुनने के लिए समय देने की आवश्यकता है।

एमएनएम प्रमुख ने कहा कि उन्हें सियासत में प्रवेश करने और यहां तक कि बिग बॉस शो की मेजबानी न करने की सलाह दी गई थी। उन्होंने पूछा कि ऐसे किसी भी अवसर का उपयोग करने में क्या गलत है, जो लोगों से मिलने और बातचीत करने का मार्ग प्रशस्त करता है।

हासन ने कहा कि वह बचपन से ही मंच पर हैं और अभिनय के कारण लाइमलाइट में रहे हैं। उन्होंने कहा, यह मेरी आदत नहीं बल्कि जीवन का तरीका है। यही वजह है कि मैंने राजनीति चुनी। उन्होंने बताया कि यदि कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं होती है, तो निर्माता किसी अभिनेता को नहीं लेंगे। लेकिन लोग राजनीति में विफलताओ को भी याद रखते हैं।