अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि, “आप जिस डॉक्यूमेंट्री का ज़िक्र कर रहे हैं, मैं उसके बारे में नहीं जानता हूं, बहरहाल, मैं उन साझा मूल्यों से अच्छी तरह परिचित हूं, जो अमेरिका और भारत को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्र बना देते हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र को लेकर गुजरात दंगे पर बनाई गई दस्तावेज़ी फिल्म रिलीज़ करने के बाद से ही विवादों में घिरी डॉक्यूमेंट्री के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने उसके जवाब में यह कह दिया कि उन्हें ऐसी किसी भी डॉक्यूमेंट्री के बारे में कोई ख़बर नहीं है। जबकि वह यही भूल गए थे कि वह उसके बारे में पहले बात कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर अमेरिका ही वही देश है जिसने गुजरात दंगों का आरोप लगने के बाद उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वीज़ा देने से इंकार कर दिया था और उनके अमेरिका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने वाले कई तत्व मौजूद हैं, जिनमें राजनीतिक, आर्थिक रिश्तों के साथ-साथ लोगों के बीच असाधारण रूप से गहरे संबंध शामिल हैं। अमेरिका और भारत के बीच राजनयिक संबंधों को रेखांकित करते हुए नेड प्राइस ने भारतीय लोकतंत्र को बेहद जीवंत क़रार दिया और कहा, “हम हर उस पहलू पर ग़ैर करते हैं, जो हमें एक साथ जोड़ता है और हम उन सभी तत्वों को मज़बूत बनाने के लिए तत्पर हैं, जो हमें साथ बांधते हैं।”
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस तथ्य पर भी ज़ोर दिया कि अमेरिका और भारत के बीच मौजूद साझेदारी असाधारण रूप से गहरी है और दोनों देशों के बीच वे मूल्य साझा हैं, जो अमेरिकी लोकतंत्र और भारतीय लोकतंत्र में एक जैसे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे इस डॉक्यूमेंटरी के बारे में नहीं जानता, जिसकी बात आप कर रहे हैं, लेकिन मोटे तौर पर कह सकता हूं कि ऐसे कई तत्व हैं, जो उस वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हैं, जो हमारी भारतीय भागीदारों के साथ है।” लेकिन जब नेड प्राइस से यह पूछा गया कि स्वयं अमेरिका ने गुजरात दंगों को लेकर मोदी पर प्रतिबंध लगाया था, साथ ही हाल ही में मानवाधिकारों पर नज़र रखने वाली अमेरिकी संस्था ने भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा, साथ ही मोदी के सत्ता में आने के बाद बढ़े कट्टरवाद पर चिंता जताई थी।
बता दें कि पिछले सप्ताह, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए बीबीसी डॉक्यूमेंटरी से खुद को दूर कर लिया था और कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि बीबीसी ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर हमला करते हुए दो-भाग की शृंखला प्रसारित की थी। इस डॉक्यूमेंट्री के सामने आने के बाद से ही मोदी सरकार बैकफुट पर नज़र आई, साथ ही उसने युद्धस्तर पर इसपर रोक लगाने के प्रयास शुरु कर दिए।
Saba Naqvi
@_sabanaqvi
By banning #BBCDocumentary both Part 1 & 2, India has in itself made it into an international story. In my view a strategically foolish decision.
Ravinder Kapur
@RavinderKapur2
Narendra Modi is a criminal and should be inducted NOW. Do you agree . ✋✅
#BBCDocumentary
Ravinder Kapur
@RavinderKapur2
Political violence is never acceptable to anyone .
Those who fail to unequivocally denounce it are complicit in extremism .
#BBCDocumentary
https://twitter.com/i/status/1617703536892219396