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#कहानी- दख़ल…तुम्हारी ज़िद के आगे हमारा पापा से सम्पर्क तक टूट गया!
#कहानी- दख़ल आज वृंदा को चैन की सांस आई है. आज उसे एक लम्बे अरसे के बाद सुकून मिला है. कितनी जद्दोज़ेहद करनी पड़ी है उसे अपनी बेटी को यहा लाने में. उफ़! दो बरस की लम्बी लड़ाई के बाद अन्ततः वह सफल हो ही गई, वरना श्रेष्ठा को मना लेना क्या आसान था. आज […]
ज्योति हाट बाज़ार से सब्ज़ी ख़रीद कर घर लौटी तो देखा….
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =================== स्पेशल पोस्ट फोर ज्योति गर्ग….!! Jyoti Garg ज्योति हाट बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौटी तो देखा घर में काफी शांति पसरी हुई थी। दोनों बच्चे चुपचाप बरामदे में बैठे अपनी पढ़ाई कर रहे थे। रोज धमा चौकड़ी मचाने वाले उसके पाँच और तेरह साल के बेटे चुपचाप बैठकर पढ़ाई […]
**प्रीत की सब रीत झूठी** और **गूँज उठी शहनाई**….कुसुम सिंह सुनैना की दो कवितायेँ पढ़िये!
Kusum Singh अध्यापिका दिल्ली सरकार Lives in Delhi, India From Gaya, India ========== प्रीत की सब रीत झूठी —–———————– पीर पारावार भरो प्रिय! हृदयतल विस्तृत में, कुछ नयन मग से बहायो, कुछ रच बहायो काव्य में। सासों संग सौरभ समाया, तेरे सुवासित देह का, कुछ दौड़े हैं धमनियां, कुछ हुआ मधुमास का। अँचरा भरा प्रिय, […]