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आज जो सितारा चाँद के क़रीब आकर उसकी खूबसूरत बढ़ा रहा कल कहीं लापता हो जाए…
पन्ने मन के =============== फिर तेरी याद चली आई…… सुनो ! आज मन है कुछ कहने का तुम सुनोगे न मेरा मन..? बिल्कुल! कौन सा तूफ़ा लिए बैठी हो आज इन मंदिर की सीढ़ियों पर…कहो क्या कहना है ?( उत्सुकता से) बस यूँ ही !कुछ बेतुके से सवाल ,इस चाँद और सितारे को देखकर। अच्छा […]
राष्ट्रीय चाटुकार बन गये….व्यंग्य-जयचंद प्रजापति
जयचंद प्रजापति · Allahabad · ============= व्यंग्य: राष्ट्रीय चाटुकार बन गये ………. कुछ साल पहले हमें चाटुकार होने की अनुभूति हुई। मिठास मिलने लगा। आनन्द की अनुभूति हुई। कुछ लोग कहे कि चाटुकार की फीलिंग से मतलब चटोरा….जी हुजूरी..हां हुजूरी..तलवे चाटना.. दुम हिलाना..आदि गुणों का होना होता है तो हमें लगा इस मामले में हम […]
उस प्रक्रिया के बारे में ज्ञान, जो जीवात्मा को परमात्मा की ओर बढ़ने में मदद करती है : लक्ष्मी सिन्हा की रचना पढ़िये!
Laxmi Sinha =============== वेद का अर्थ है उस प्रक्रिया के बारे में ज्ञान, जो जीवात्मा को परमात्मा की ओर बढ़ने में मदद करती है,,,,,,,,,,,! आस्तिक कौन है? प्राचीन समय में एक आस्तिक को ऐसा व्यक्ति माना जाता था जो जीवात्मा, परमात्मा और देवों की वास्तविकता को स्वीकार करता था, बौद्ध युग में आस्तिक शब्द का […]