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वो सोच में डूबी बैठी थी तभी माँ कमरे में आयीं….By-पूर्णिमा शर्मा
पूर्णिमा शर्मा स्वाभिमान घर में अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ था !शाम जब से पिताजी ने पांडे जी से फोन पर बात की तभी से पिताजी बेचैन और माँ उदास दिखीं ! मीनू दी को शायद वजह पता चल चुकी थी,उनकी तरफ इना ने प्रश्नवाचक नज़रों से देख जानना चाहा तो दीदी नज़रें चुरा आंसू […]
“कौन कहता है कि इंसानियत मर चुकी है इस दौर में……….”
दफ़्तर से अपना काम ख़तम करने के बाद जब अपने घर के लिए गुप्ता जी निकलने लगे तो उस समय उनकी घड़ी में तक़रीबन रात के 9 बज रहे थे । हालांकि रोज़ गुप्ता जी शाम 7 बजे के लगभग अपने ऑफिस से निकल जाया करते थे लेकिन आज काम के दवाब के कारण कुछ […]
मैं भिखारी नही हूँ, मैडम जी कुछ खाने को दे दो बच्चे दो दिन से भूखे है….
मैं भिखारी नही हूँ, मैडम जी कुछ खाने को दे दो बच्चे दो दिन से भूखे है !” निया के दरवाजे पर आई एक महिला बोली जिसके साथ मे दो छोटे बच्चे भी थे। ” भीख मांगते शर्म नही आती जब खिला नही सकते बच्चो को तो पैदा क्यो करते हो !” फोन मे लगी […]