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ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं लेकिन अपना देश छोड़कर आई एक महिला, जिसने अपने पति को, सास को खोया वो भारत की प्रधानमंत्री नहीं बन सकती!

ऋषि सुनक को ब्रिटेन की कन्ज़र्वेटिव पार्टी का नेता घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद 42 वर्षीय सुनक ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के और हिन्दू प्रधानमंत्री होंगे।

इसी साल छह जुलाई को ऋषि सुनक ने बोरिस जॉनसन की सरकार में वित्त मंत्री से इस्तीफ़ा दे दिया था। उनके इस्तीफ़े के बाद कई और मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया था और आख़िरकार प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अपने इस्तीफ़े की घोषणा करनी पड़ी थी।

जॉनसन के बाद आर्थिक संकट में फंसे ब्रिटेन की बागडोर लिज़ ट्रस ने संभाली, लेकिन सिर्फ़ 45 दिन बाद ही गुरुवार को उन्होंने भी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

ऋषि भारतीय मूल की तीसरी पीढ़ी हैं। उनके दादा-दादी ने भारत के विभाजन से पहले ही पाकिस्तानी पंजाब के गुजरांवाला शहर से ईस्ट अफ्रीका के लिए पलायन किया था। वह 1960 के दशक में इंग्लैंड के सॉउथैंप्टन शहर जाकर बस गए थे, जहां 1980 में ऋषि सुनक का जन्म हुआ।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि सुनक का प्रधानमंत्री बनना एक ऐतिहासिक क्षण होगा, ठीक उसी तरह से जिस तरह अमेरिका में 2008 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति चुने जाने के समय हुआ था। ऋषि सुनक से पहले भी दक्षिण एशिया के मूल के नेता बड़े पदों पर रहे हैं, वे मंत्री भी बने हैं और मेयर भी, जैसे कि प्रीति पटेल इस देश की गृहमंत्री हैं और सादिक़ खान लंदन के मेयर हैं।

लेकिन प्रधानमंत्री के पद का दावेदार अब तक कोई नहीं हुआ था। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार सुनक का उदय एशियाई समुदाय की कामयाबी से जुड़ा है। उनका कहना है कि ब्रिटेन के समाज में विविधता सुनक और ख़ान जैसे नेताओं के उदय का कारण बनी है।

सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सुनक ने 2015 में बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए इंटरव्यू में कहा थाः मैं तो पूरी तरह से ब्रिटिश हूं। यह मेरा घर और देश है। लेकिन मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है। मेरी पत्नी भारतीय है। मैं हिन्दू हूं और इसमें कोई छुपाने वाली बात नहीं है।

सेंटर फ़ॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर फ़ेलो सुशांत सिंह ने सुनक का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी की बहुसंख्यकवाद और हिंदुत्ववाद की राजनीति पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा हैः वर्तमान में भारत की केंद्र सरकार और सत्ताधारी पार्टी में देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय से कोई न तो मंत्री है और न ही सांसद। दूसरी तरफ़, ब्रिटेन में सुनक के उभार पर भारत में यही लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से फूले नहीं समा रहे हैं।

कांग्रेसी नेता शशि थरूर का भी कहना था कि अगर ब्रितानी लोग ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाते हैं, तो यह दुनिया के लिए दुर्लभ घटना होगी, जहां सबसे ताक़तवर पद पर एक अल्पसंख्यक होगा। जब हम ऋषि के भारतीय कनेक्शन पर ख़ुश हो रहे हैं, तो आइए ईमानदारी से पूछते हैं कि क्या ये भारत में संभव है?


Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री रूप में ऋषि सुनक को कंज़र्वेटिव पार्टी का नेता चुन लिया गया है। इस ख़बर के बाद से एक विशेष वर्ग ऋषि सुनक को भारतीय ‘मूल’ का प्रफुल्लित हो रहा है। यह वही वर्ग है जो सोनिया गांधी को विदेशी बताकर उनका अपमान करता रहा है। इनका राष्ट्रवाद अजीब किस्म का है!

Ashok Swain
@ashoswai
Rishi Sunak’s grandparents were from Gujranwala, Pakistan; Rishi Sunak’s parents were from Nairobi, Kenya; Rishi Sunak was born in Southampton, UK.

Dilip Mandal
@Profdilipmandal
वर्तमान पाकिस्तान के गुजराँवाला में जन्मे रामदास सुनक का पोता ऋषि सुनक अब ब्रिटेन का प्रधानमंत्री होगा। पूरे दक्षिण एशिया के लिए गर्व की बात है। आप सबको बधाई।

तीसरी जंग अख़बार
#ब्रिटेन : #ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने, आज कोई भी संघी इस ख़बर पर ख़ुशी न मानये, अपने देश के अंदर आप ”#सोनिया गाँधी” को विदेशी कहते रहे, उनको हर तरह से अपमानित करते रहे, किसी दूसरे देश में भारतीय मूल का कोई PM बनता है तो आप को हक़ नहीं कि ख़ुशी मनाएं

Shyam Meera Singh
@ShyamMeeraSingh
ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन अपना देश छोड़कर आई एक महिला, जिसने अपने पति को खोया, अपनी सास को खोया। वो भारत की प्रधानमंत्री नहीं बन सकती। सोनिया गांधी के धर्म और उनके पुराने नाम को लेकर सबसे पहले निम्नस्तरीय टिप्पणियाँ मोदी ने गुजरात के CM रहते हुए की थीं।

#RishiSunak का परिवार पाकिस्तान के गुजराँवाला का है। पंजाबी खत्री हैं। उनके दादा 1935 में केन्या की राजधानी नैरोबी चले गए। वहीं ऋषि के पिता यशवीर सुनक का जन्म हुआ। यशवीर 1966 में ब्रिटेन पहुँचे जहां 1980 में ऋषि का जन्म हुआ। ऋषि की शादी इंफ़ोसिस वाले नारायण मूर्ति की बेटी से हुई है। .. DC Mandal