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बहू ने आइने में लिपिस्टिक ठीक करते हुए कहा – “माँ जी, आप अपना खाना बना लेना, मुझे और इन्हें आज एक पार्टी में जाना है …!!” बूढ़ी माँ ने कहा – “बेटी मुझे गैस वाला चूल्हा चलाना नहीं आता …!! तो बेटे ने कहा – “माँ, पास वाले मंदिर में आज भंडारा है, तुम […]
मैं समझ गई कि नौकरी और घर संभालने में बहुत अंतर होता है
Madhu Singh =================== जब मेरी शादी हुई, तो मैं घर की बड़ी बहू बनी। मेरे बाद मेरी दो देवरानियाँ आईं। मैं पढ़ाई में उनसे कम थी और नौकरी भी नहीं करती थी, लेकिन वे दोनों मुझसे अधिक शिक्षित और आधुनिक थीं। मुझे खुशी थी कि घर में दो मॉडर्न देवरानियाँ आने वाली थीं। मैं अपने […]
हम चाहते कुछ और हैं, होना कुछ और चाहिये, होता कुछ और है। जैसे सब गड्डमगड्ड है….By-सर्वेश तिवारी श्रीमुख
Sarvesh Kumar Tiwari ============ और अंततः एक बरस और बीत गया। बीतता साल यदि राम के बनवास की तरह बीत जाय तो क्या बात हो, पर जीवन बीतता दशरथ की आयु की तरह ही है। यूँ ही चलते चलते पता चलता है कि हाथ से कुछ पल और सरक गए… ‘बिहारी’ मेरे प्रिय कवि हों, […]