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उर्दू के आलमी शायर मुनव्वर राणा ने कहा दुनिया को अलविदा…अमर हुई उनकी शायरी : वीडियो

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उर्दू के आलमी शायर मुनव्वर राणा ने कहा दुनिया को अलविदा.. अमर हुई उनकी शायरी

UP : लखनऊ मे उर्दू के मशहूर आलमी शायर मुनव्वर राणा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
71 की उम्र मे दिल का दौरा पड़ने से उनकी साँसे टूट गई।उनका पूरा जीवन उर्दू साहित्य की रचनाओं में बीता। वे इतने मशहूर हुए कि उन्हें विदेशों में भी होने वाले मुशायरों में शोहरत हासिल हुई। मुनव्वर राणा खासकर अपने उन शेरों के लिए जाने जाते हैं, जो उन्होंने मां पर लिखे हैं। इनमें से कुछ तो लोगों की जुबां पर रटे हुए हैं।

“अभी जिंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।…”

“छू नहीं सकती मौत भी आसानी से इसको,
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है।…”

“लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है।…”