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उयदपुर कांड, संरा का बयान, संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव एं‎टोनियो गुटेरेस ने सभी धर्मों का सम्मान करने का आह्वान किया

 

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एं‎टोनियो गुटेरेस ने सभी धर्मों का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि विभिन्न समुदाय दुनियाभर में सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल में रह सकें।

संयुक्त राष्ट्र संघ के महा सचिव के प्रवक्ता फेन दुजारिक ने उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या के बाद राजस्थान में पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के बीच यह टिप्पणी की।

दुजारिक से यह पूछा गया था कि क्या संयुक्त राष्ट्र प्रमुख कन्हैया लाल की हत्या के बाद भारत में धार्मिक तनाव ‘फिर से बढ़ने’ पर कोई टिप्पणी करेंगे।

दुजारिक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमें बहुत उम्मीद है, हम सभी धर्मों का सम्मान करने और दुनियाभर में यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि विभिन्न समुदाय सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल में रह सकें।

ज्ञात रहे कि उदयपुर में मंगलवार को दो लोगों ने कथित तौर पर धारदार हथियार से एक दर्ज़ी की हत्या कर दी थी और उसका वीडियो सार्वजनिक कर दी थी कि जिसके बाद पूरे राजस्थान का माहौल ख़राब हो गया था।

राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या की निंदा करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कोई छूट न मिले तथा लोगों को किसी भी हमले से बचाने के लिए तत्काल क़दम उठाए जाने चाहिए।

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बोर्ड के अध्यक्ष आकार पटेल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल कन्हैया लाल की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करता है।

उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों को हत्या की त्वरित, गहन, स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रभावी जांच सुनिश्चित करनी चाहिए तथा मौत की सजा का सहारा लिए संदिग्ध लोगों को निष्पक्ष सुनवाई के दायरे में लाना चाहिए।

पटेल ने एक बयान में कहा कि भारतीय अधिकारियों को पीड़ित तथा उनके परिवारों के लिए न्याय तक पहुंच और प्रभावी निदान सुनिश्चित करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह घटना भेदभाव और सुनियोजित हिंसा से सभी की रक्षा और जिम्मेदार लोगों को तुरंत न्याय के दायरे में लाने के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों को बनाए रखने में भारतीय अधिकारियों की विफलता को रेखांकित करती है.

उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के जिम्मेदार लोगों को कोई रियायत नहीं मिले और प्रतिशोध में किए जाने वाले हमलों सहित किसी भी हमले से लोगों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए।

पटेल ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को हिंसा के कारण और हिंसा की स्थिति नहीं बनने देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन्हें देश में हर किसी के मानवाधिकारों का सम्मान करने, उनकी रक्षा करने, बढ़ावा देने और उन्हें पूरा करने के लिए अपने मानवाधिकार दायित्वों को पूरा करना चाहिए. अधिकारियों को अब कार्रवाई करनी चाहिए।