नैनीताल: ईद उल अजहा के मौके पर मुसलमान पैगम्बर हज़रत इब्राहीम की सुन्नत को अदा करने के लिये जानवर की क़ुर्बानी करते हैं,क़ुर्बानी का इस्लाम मे बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है,और बड़ी मान्यता है।
क़ुर्बानी के सम्बंध में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ईद-उल-अजहा के मौके पर खुले में या सार्वजनिक स्थानों पर बकरे की कुर्बानी देने पर आज रोक लगा दी. मामले का संज्ञान लेते हुए जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस मनोज तिवारी की खंड पीठ ने आदेश दिया कि बकरीद के त्योहार के दौरान खुले में या सार्वजनिक स्थानों पर बकरे की कुर्बानी नहीं दी जाए और कुर्बानी सिर्फ बूचड़खानों में ही दी जानी चाहिए.
अदालत ने यह भी निर्देश दिए कि खून खुली नालियों और नालों में नहीं बहना चाहिए. अदालत ने कहा कि आदेश सबके लिए हैं भले ही वे किसी भी धर्म से हो।
ईद का चांद करीब 10 दिनों पहले देखा जाता है, लेकिन इस दफा दिल्ली समेत कई जगहों पर चांद नहीं दिखा था, जिसके चलते 23 अगस्त को ईद उल जुहा मनाने का फैसला किया गया था. लेकिन बाद में जानकारी आई कि कई राज्यों में चांद देखा गया है जिसके चलते कमेटी ने अपना फैसला बदलते हुए ईद उल जुहा की तारीख 22 अगस्त करने का फैसला लिया. इस फैसले के बाद दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी बकरीद 22 अगस्त को ही मनाई जाएगी।