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उत्तराखंड के जाट…मंगलोर और नारसन कभी चौधरी चरण सिंह का गढ़ हुआ करता था!

मेरी भोली कौम जाट
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उत्तराखंड के जाट
मंगलोर और नारसन यह एरिया कभी चौधरी चरण सिंह जी का गढ़ हुआ करता था, वह अक्सर यहां जब भी आते थे इसी गढ़ को मिनी छपरोली कहकर पुकारते थे. वैसे तो उत्तराखंड में देहरादून हरिद्वार कोटद्वार रुड़की रुद्रपुर आदि इलाकों में जाट अच्छी संख्या में है. जाटों का कुछ प्रभाव हरिद्वार के आसपास और उधम सिंह नगर में भी है .हरिद्वार के पास जमालपुर जगजीतपुर बहादुर जट गांव है जबकि उधम सिंह नगर के काशीपुर की मेयर जाट महिला उषा चौधरी है और हरभजन सिंह चीमा वहां से सिख जाट विधायक भी हैं .

बाजपुर में हुड्डा गोत्र के जाट हैं और किच्छा, रुद्रपुर में सारंग गोत्र के जाट हैं , रुड़की के पास रूहलकी, करोदी, और खापनुर गांव लगते हैं. रुड़की शहर में साउथ सिविल लाइन जाटों का गढ़ है ,राजधानी देहरादून में सुभाष नगर जाटों ने अपना गढ़ बना रखा है और चौधरी कॉलोनी और चौधरी चरण सिंह भवन की देहरादून में स्थापना कर रखी है. देहरादून में हर चौथा पुलिसवाला जाटों का लड़का होता है. जाट धर्मशाला और जाट महासभा देहरादून व हरिद्वार में स्थित है हरिद्वार में गंगा किनारे चौधरी चरण सिंह घाट भी है.

लेकिन उत्तर प्रदेश से लगी सीमा रुड़की के बढ़ाणु एक छोटी सी जाट खाप है जिसमें उत्तराखंड के 22 गांव आते हैं ,इस खाप की खासियत यह है कि 22 के 22 जाटों के गांव अलग-अलग गोत्र के हैं ,यह किसी एक गोत्र की खाप नहीं है.

यह 22 गांव कभी किसी राजा के गुलाम नहीं रहे और इसमें सभी गोत्र के गांव हैं जाटों के ,हरिद्वार हाईवे नेशनल highway-58 के दोनों और यहां जाट बसते हैं तथा बीस से पच्चीस परसेंट वोट शेयर के साथ यह अपनी मंगलोर विधानसभा में एक अलग राजनीतिक रुतबा रखते हैं ,पूरे उत्तराखंड में गन्ना या किसी भी मुद्दे पर इकलौता धरने प्रदर्शन हाईवे जाम यहीं पर होते हैं ,यहां के जाट करने खाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं इसलिए मुजफ्फरनगर बिजनौर सहारनपुर के जाट यहां के जाटों से ज्यादा संबंध बनाने की कोशिश करते हैं.

वर्तमान में बिजनौर के ex -सांसद कुंवर भारतेंदु सिंह काकरान जाट रियासत के राजा हैं भारतीय जनता पार्टी से जिनके दादाजी ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के लिए पंद्रह सौ बीघे जमीन दान दी थी और हर की पौड़ी हरद्वार का भी हिस्सा इनकी रियासत जाट रियासत सारंगपुर में ही आता था ,

लिभेरहेरी यह जाटों का बहुत बड़ा गांव है जो लोहान गोत्र का गांव है जो कि उत्तराखंड का सबसे बड़ा गांव है ,जिसकी आबादी लगभग 13 हजार के करीब है ,इस गांव के पास 52000 बीघा से भी ज्यादा जमीन है इसको बावनी गांव भी कहा जाता है.

नारसन राठी गोत्र का बहुत बड़ा गांव है यहां पर जाट राजा महेंद्र प्रताप कॉलेज भी है जो कि कृषि का बहुत उच्चतम कॉलेज है ,खेड़ा जाट यह फोर गोत्र का गांव है जो कि आपसी रंजिश में गोलीबारी के लिए जाना जाता है. थितकी सालार गोत्र का यह गांव लड़ाई मोल लेने व बिगड़ जाटों के लिए जाना जाता है .

कुछ अन्य गांव और उनके गोत्र हैं👇
मोहम्मदपुर जट्ट- धारीवाल जाट गोत्र, बरहमपुर जट्ट -मलिकगोत्र, बूढ़पुर जट्ट -राठी गोत्र, हरजोली जट -लोहान गोत्र, मंडावली-बेनिवाल.
मगलौर और गुरुकुल नारसन दो कस्बे या इन गांव का प्रभाव रहता है और यहां भी आपस के आसपास के गांव के जाट अच्छी संख्या में बसे हुए हैं और काफी दुकानें भी जाटों की हैं .इसके अलावा इस एरिया में थोड़े थोड़े घर हर गोत्र के हैं .साथ ही यहा के जाट भारी मात्रा में ऊपर पहाड़ों पर सरकारी नौकरी में कार्य करता है.

विशेष नोट – उत्तराखंड में चार पर्सेंट वेदिक और सिख जाट जमीनी इलाके में बसता है और ऊपर पहाड़ों में वेदिक सिख जाट दो परसेंट गोमुख जाट गंगा के किनारे और बद्रीनाथ और केदारनाथ के बीच में जाते हुए हेमकुंड साहिब के आसपास बसा हुआ है उनको जोड़ना भी अभी बाकी है.
जय जाट समाज

सुषमा राणा.
जाट सभा उत्तराखंड🙏🌹.
मेरी भोली कौम जाट