नई दिल्ली:ईरान और इजराइल के सम्बन्ध प्राचीन काल से ही मधुर रहे लेकिन ईरान एक मुस्लिम बहुमत राष्ट्र है तो इजराइल एक यहुदी राष्ट्र है। ईरान- इजराइल के संबंधों में दरार का मुख्य कारण ईरान की इस्लामी क्रांति का होना और ईरान में राजशाही शासन का पतन होना था।
ईरान की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान-इजराइल के सम्बन्ध बिगड़ गए और वर्तमान समय में दोनों देश एक दुसरे के दुश्मन के रूप में है। अभी हाल ही में इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा था की “सीरिया में वह ईरान के खिलाफ अपनी कार्यवाही जारी रखेंगे।
Iran threatens Israel with revenge for Syria airstrike that killed drone commander https://t.co/vu83jDDSql pic.twitter.com/URLDqGKzCW
— Newsweek (@Newsweek) April 17, 2018
पिछले हफ्ते रूस, सीरिया और ईरान ने इस्राइल को होम्स प्रांत में टी -4 सैन्य हवाई अड्डे के खिलाफ हवाई हमले की शुरूआत करने पर आरोप लगाया था, जिसमें सात ईरानियों सहित 14 लोग मारे गए थे।
ब्रिटबार्ट की खबरों के मुताबिक दोनों देशों के बीच काफी तनाव है और अब ईरान के सेना ग्राउंड फोर्स कमांडर ब्रिगे-जनरल किइमर हेदिरी ने चेतावनी दी है कि इजरायल अब इस्लामी गणराज्य को खतरा नहीं दे सकता है।
Iranian president lashes out at US as Iran marks Nuclear Day https://t.co/4d6Dxd8Kbc pic.twitter.com/Ml3UIQ72BQ
— The Times of Israel (@TimesofIsrael) April 19, 2018
उन्होंने ईरान के सेना दिवस के रूप में तेहरान में कहा की इज़राइल की उत्तरी सीमा पर तनाव बढ़ाने के साथ-साथ, ईरान के सशस्त्र बल पहले से ज्यादा शक्तिशाली हैं और उन्होंने कहा की “इजराइल के विनाश की तारिख भी तय कर ली गयी है।
इज़राइली अधिकारियों ने अपनी सीमाओं पर बढ़ती ईरानी घाटियों और तेहरान से लेबनान के माध्यम से सीरिया के हिजबुल्ला के लिए परिष्कृत हथियारों की तस्करी को बार-बार चिंतित किया है, यह कहते हुए कि दोनों यहूदी राज्य के लिए खतरा हैं।
इजराइल ने सीरिया में ईरान पर हमला सीरिया की सीमा में फ़रवरी में हुए हमले के जवाब में दिया, जिसमे इजरायली एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराया गया था।
Top pilot: Israel 'capable' of striking Iran if orders given https://t.co/OtzEn7ihfR
— The Jerusalem Post (@Jerusalem_Post) April 17, 2018
यह विमान ईरानी ड्रोन के संचालन केंद्र को नष्ट करने के मकसद से सीरिया सीमा के भीतर गया था, तभी उस पर एंटी एयरक्राफ्ट गन से फायर हुआ था।
इसके बाद इजरायल ने पलटकर फिर हमला किया और सीरिया में स्थित दर्जन भर से ज्यादा सैन्य ठिकानों पर बमबारी की थी। सीरिया में जिन सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया है उनमें से कई ईरानी ठिकाने हैं, जहां से लड़ाके असद सरकार के समर्थन में लड़ रहे थे।