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ईरान का यह हाइपरसोनिक मिसाइल 6000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़तार से अपने लक्ष्य पर झपटता है : रिपोर्ट

ईरान सरकार ने गुरुवार को उन सरकारों पर बहुत तेज़ हमला किया है जो ईरान के भीतर होने वाले दंगों और हंगामों में लिप्त तत्वों के समर्थन में खड़ी नज़र आईं। इनमें एक तो इस्राईली सरकार थी जिसने साज़िश को अमली जामा पहनाया और दूसरे नंबर पर ब्रिटेन था जिसने प्रोपैगंडा करने और फ़ेक न्यूज़ फैलाने की ज़िम्मेदारी संभाली और तीसरे सऊदी अरब जिसने इस पूरी साज़िश की फंडिंग की।

ईरान के बयान से साफ़ ज़ाहिर है कि इस हस्तक्षेप पर काफ़ी आक्रोश है। ईरान ने इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण एलान किए हैं।

एक एलान ईरान की सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स के कमांडर हाजीज़ादे ने किया। उन्होंने बताया कि ईरान ने सामरिक क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए हाइपर सोनिक मिसाइल बना लिया है जो एयर डिफ़ेंस सिस्टम का मुक़ाबला कर सकता है। यह मिसाइल 6000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़तार से अपने लक्ष्य पर झपटता है। यानी इसकी रफ़तार आवाज़ की रफ़तार से पांच गुना ज़्यादा है। इसे न तो राडार चिन्हिंत कर सकता है और न ही कोई मिसाइल इंटरसेप्ट कर सकता है।

दूसरा एलान क़ायम 100 मिसाइल के परीक्षण का है। यह मिसाइल ज़मीन से 500 किलोमीटर की ऊंचाई पर 80 किलोग्राम वज़न तक के सैटेलाइट आरबिट में स्थापित कर सकता है।

तीसरा एलान कई प्रकार के ड्रोन विमानों के अनावरण का है। इनमें तीन ड्रोन तो बेहद ख़ास हैं। एक मुहाजिर 6 ड्रोन है जो सूचनाएं एकत्रित करता है और इसमें चार स्मार्ट बम और आधुनिक कैमरे लगे हैं। इसका वज़न 600 किलोग्राम है और यह 12 घंटे तक बहुत ज़्यादा ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। दूसरा ड्रोन आरश 2 है जिसे ख़ास तौर पर तेल अबीब और हैफ़ा तक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तीसरा ड्रोन शाहिद 136 है। यह अपने साथ 50 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकता है और अपने लक्ष्य से टकरा कर ख़ुद भी तबाह हो जाता है और अपने लक्ष्य को भी ध्वस्त कर देता है। ईरानी ड्रोन का ज़िक्र यूक्रेन भी किया और यूक्रेन का दावा है कि रूस ने ईरान से 2400 ड्रोन ख़रीदे हैं जिन्होंने यूक्रेन जंग का रुख़ ही बदल दिया। इन ड्रोन विमानों की सबसे ख़ास बात यह है कि यह बड़े सस्ते हैं।

इसके अलावा ईरान के अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने कहा कि दुश्मन ईरान में सीरिया और लीबिया वाली कहानी दोहराना चाहता था मगर उसे हरगिज़ कामयाबी नहीं मिलने वाली है।

ईरान के इंटैलीजेन्स मंत्री इस्माईल ख़तीब ने तो बिल्कुल खुलकर कहा कि इस बात की गैरेंटी नहीं है कि ईरान ने अब तक जो स्ट्रैटेजिक संयम दिखाया है वह आगे भी जारी रहेगा, अगर ईरान ने जवाब देने का फ़ैसला कर लिया तो शीशों के महल चकनाचूर हो जाएंगे।

हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में ईरान की सफलता से पश्चिमी देशों में गहरी चिंता फैल गई है। आईएईए के प्रमुख रफ़ाइल ग्रोसी ने इस एलान पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर ईरान हाइपर सोनिक मिसाइल बना रहा है तो सबका ध्यान ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर केन्द्रित होगा।

हालिया दंगों में बाहरी ताक़तों के हस्तक्षेप से ईरान बहुत नाराज़ है। ईरान ने हाइपर सोनिक मिसाइल का एलान करके लगता है कि नेतनयाहू को बड़ी चेतावनी दी है।

हमारी बस यह दुआ है कि अमरीका कहीं सऊदी अरब को ईरान के साथ किसी टकराव में न फंसा दे। हम हज़ार बार कह चुके हैं कि अमरीका ने यूक्रेन को रूस के साथ जंग में ढकेल दिया और फिर यूक्रेन की रक्षा के लिए अपना एक भी सैनिक नहीं भेजा। यही वह सऊदी अरब के साथ करेगा, भाग्यशाली वह है जो नसीहतों पर ध्यान दे।

अब्दुल बारी अतवान

अरब जगत के विख्यात लेखक व टीकाकार

नोटः यह लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का इनसे सहमत होना ज़रूरी नहीं है।