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ईरान-इसराईल जंग की अहम् ताज़ा अपडेट्स : ईरान ने क़तर में अमेरिकी बेस अल उदैद एयर बेस पर किया मिसाइलो से हमला!

 

ईरान ने क़तर के जिस एयर बेस पर हमला किया है वह अमेरिका के लिए क्यों है ख़ास

क़तर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि देश में सुरक्षा की स्थिति स्थिर है और चिंता करने की कोई वजह नहीं है.

इस बयान में अफ़वाहों पर ध्यान न देने और ग़लत जानकारी से बचने को कहा गया है.

इससे पहले ईरान की न्यूज़ एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने क़तर और इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी इन हमलों की पुष्टि की है और कहा है कि ईरान की तरफ से अल उदैद एयर बेस पर छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों से हमला हुआ है.

 

क़तर की राजधानी दोहा के क़रीब मौजूद अल उदैद एयर बेस मध्य-पूर्व में अमेरिकी सेंट्रल कमांड के एयर ऑपरेशन्स का मुख्यालय है. इसमें क़रीब 8 हज़ार अमेरिकी सैनिक मौजूद होते हैं.

इस एयर बेस के ज़रिए ब्रिटेन के सैनिकों का भी रोटेशन होता है.

मौजूदा समय में यह एयर बेस इराक़ में अमेरिकी अभियानों के लिए हेडक्वार्टर का काम करता है और यह इलाक़े में अमेरिकी साजो सामान का केंद्र भी है.

इस एयर बेस में खाड़ी के क्षेत्र की सबसे लंबी एयर लैंडिंग स्ट्रिप भी है. क़तर ने अमेरिका को साल 2000 में इस एयर बेस तक पहुंच दी थी.

ईरान इसराइल संघर्ष

क़तर में एयर बेस पर ईरानी हमले के बाद बहरीन में लोगों से की गई ये अपील

बहरीन के गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश में सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया गया है और उनसे सुरक्षित ठिकानों में जाने को कहा गया है.

सोशल मीडिया एक्स पर कई पोस्ट के ज़रिए मंत्रालय ने देश के लोगों से किसी इमारत या छत के नीचे शरण लेने को कहा है.

मंत्रालय ने कहा है कि जब तक ख़तरा न निकल जाए, लोग इसी तरह की सुरक्षित जगहों पर रहें.

मंत्रालय ने तेज़ धमाकों के वक़्त लोगों से सावधानी बरतने को कहा है.

इससे पहले ईरान ने क़तर में अल उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर मिसाइल दागे हैं.

ईरान इसराइल संघर्ष
क़तर ने अल उदैद एयर बेस पर ईरानी हमले के बाद दी ये प्रतिक्रिया

क़तर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने सोशल मीडिया एक्स पर क़तर में अमेरिकी ठिकानों पर ईरानी हमले की निंदा की है.

उन्होंने कहा है, “हम इसे क़तर की संप्रभुता, उसके हवाई क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन मानते हैं.”

उन्होंने बताया कि क़तर के एयर डिफ़ेंस सिस्टम ने “हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर ईरानी मिसाइलों को रोक दिया.”

उनका कहना है कि अल उदीद एयर बेस को पहले ही खाली कर दिया गया था.

उन्होंने दावा किया है कि इस हमले में न तो कोई मारा गया है और न ही घायल हुआ है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, “क़तर इस बेशर्म आक्रामक रवैये के तरीके और इसके असर के मुताबिक़ जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है.”

इससे पहले क़तर में धमाकों की आवाज़ें सुनी गई थीं.

ईरान की न्यूज़ एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने क़तर और इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं.

ईरान इसराइल संघर्ष

ईरान की मीडिया ने बताया- अमेरिकी कार्रवाई के जवाब में ईरान ने शुरू किए हमले

ईरान की सरकारी मीडिया ने घोषणा की है कि ईरान ने अमेरिकी कार्रवाई का जवाब देना शुरू कर दिया है.

ईरान की न्यूज़ एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने क़तर और इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं.

इससे पहले क़तर में धमाके की ख़बरें सामने आई हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स और एएफ़पी की रिपोर्ट्स के मुताबिक़ क़तर में धमाके की आवाज़ें सुनी गई हैं.

अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी से कहा है कि व्हाइट हाउस और रक्षा मंत्रालय क़तर में अमेरिकी हवाई ठिकानों पर ख़तरे को समझता है और वो हालात पर नज़र बनाए हुए है.

Sulaiman Ahmed
@ShaykhSulaiman
JUST IN: Bahrain, Kuwait, Oman, Qatar, Saudi Arabia, the UAE, Egypt, Jordan, Lebanon, Turkey, and the Palestinian Authority have all condemned Iran’s missile attack on Al-Udeid Airbase in Qatar.

क़तर में अल उदैद एयर बेस पर ईरानी हमलों के बाद अमेरिका ने ये कहा

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने पुष्टि की है कि अल उदैद एयर बेस पर छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों से हमला हुआ है और ये मिसाइलें ईरान से दागी गई थीं.

अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक़ अब तक इन हमलों में किसी के मारे जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है.

उनके मुताबिक़ रक्षा अधिकारी अब भी हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और हमले के बारे में ज़्यादा जानकारी मिलने पर वो इसे साझा करेंगे.

इससे पहले ईरान की सरकारी मीडिया ने घोषणा की है कि ईरान ने अमेरिकी कार्रवाई का जवाब देना शुरू कर दिया है.

ईरान की न्यूज़ एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने क़तर और इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं.

د. ماجد محمد الأنصاري Dr. Majed Al Ansari
@majedalansari
The State of Qatar strongly condemns the attack that targeted Al-Udeid Air Base by the Iranian Revolutionary Guard. We consider this a flagrant violation of the sovereignty of the State of Qatar, its airspace, international law, and the United Nations Charter. We affirm that Qatar reserves the right to respond directly in a manner equivalent with the nature and scale of this brazen aggression, in line with international law.
We reassure that Qatar’s air defenses successfully thwarted the attack and intercepted the Iranian missiles. A detailed statement regarding the circumstances of the attack will be issued later by the Ministry of Defense.
We also emphasize that the continuation of such escalatory military actions will undermine security and stability in the region, dragging it into situations that could have catastrophic consequences for international peace and security.
We call for the immediate cessation of all military actions and for a serious return to the negotiating table and dialogue.
Furthermore, the State of Qatar was one of the first countries to warn against the dangers of Israeli escalation in the region. We have consistently called for diplomatic solutions to be prioritized and have stressed the importance of good-neighborliness and avoiding escalation.
We reaffirm that dialogue is the only way to overcome the current crises and ensure the security of the region and the peace of its people.
The base had been evacuated earlier, following established security and precautionary measures, given the tensions in the region. All necessary steps were taken to ensure the safety of personnel at the base, including Qatari Armed Forces members, friendly forces, and others. We confirm that no injuries or human casualties resulted from the attack.

ईरान और इसराइल संघर्ष

इसराइल की तेहरान के लोगों को चेतावनी, वहीं ईरान ने अमेरिका के लिए कही ये बात

इसराइली सेना ने तेहरान में रहने वाले लोगों को एक ‘तत्काल’ चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वह आने वाले दिनों में शहर में हमलों को जारी रखेगी.

सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अपने फ़ारसी अकाउंट पर एक पोस्ट में लोगों से कहा है कि वे तेहरान में ईरानी नेतृत्व से जुड़े सैन्य, सुरक्षा और औद्योगिक स्थलों से दूर रहें.

वहीं ईरान के सशस्त्र बलों के प्रमुख ने कहा है कि अमेरिका की ओर से तीन ईरानी परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद देश ‘नुक़सान की सीमा की परवाह किए बिना’ अमेरिका को ‘उचित और समान रूप से जवाब’ देगा.

यह जानकारी तस्नीम समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ है, जो ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) से जुड़ी हुई है.

एक वीडियो संदेश में मेजर जनरल अब्दुलरहीम मोसावी ने कहा, “ट्रंप की यह कार्रवाई उसकी हताशा से पैदा हुई है और इसका मक़सद उनकी प्रॉक्सी सेना, इसराइल और ख़ुद नेतन्याहू को बचाना है.”

उन्होंने कहा कि जब ट्रंप को इसराइली प्रधानमंत्री के ‘पतन’ के संकेत दिखे, तो ट्रंप ने ईरान पर हमला करके उन्हें ‘कृत्रिम सांस’ देने का फै़सला किया.

मोसावी को सशस्त्र बलों का प्रमुख उस समय नियुक्त किया गया, जब उनके पूर्ववर्ती मोहम्मद हुसैन बाघेरी 13 जून को इसराइली हमले में मारे गए थे.

नेटो के महासचिव मार्क रूटे

नेटो महासचिव बोले- सहयोगी देश मानते रहे हैं ईरान को परमाणु हथियार न बनाने दिए जाएं

नेटो के महासचिव मार्क रूटे ने हेग में शिखर सम्मेलन से पहले पत्रकारों से ईरान और इसराइल के बीच बढ़ते संघर्ष पर बात की है.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “जहां तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नेटो के रुख़ की बात है, तो सहयोगी देशों की लंबे समय से यह सहमति रही है कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित नहीं करने देना चाहिए.”

मार्क रूटे ने कहा, “सहयोगी देशों ने बार-बार ईरान से अपील की है कि वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करे.”

ईरान ने 1968 में परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इसका मतलब ये है कि ईरान परमाणु तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ़ शांतिपूर्ण काम के लिए करेगा और किसी को न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी नहीं देगा.

रूस और यूक्रेन युद्ध की बात करते हुए उन्होंने कहा कि ईरान वहां ‘गहराई से शामिल’ है.

साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान ने रूस को ड्रोन दिए हैं, जिनका इस्तेमाल यूक्रेनी नागरिकों को मारने के लिए किया जा रहा है.

ईरान और इसराइल संघर्ष

इसराइल के हमलों में ईरान में कितने लोग मारे गए हैं?

ईरान की सरकारी टीवी ने इसराइली हमलों में मारे गए लोगों और घायलों के आंकड़ों की जानकारी दी है.

टीवी ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से ख़बर दी है कि 13 जून के हमले के बाद से ईरान में ‘लगभग 500’ लोग मारे गए हैं.

साथ ही बताया गया कि तीन हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.

ईरान सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, बीबीसी के पत्रकार देश के अंदर से रिपोर्टिंग करने में असमर्थ हैं, जिससे इसराइल के हमलों से हुए नुक़सान का आकलन करना मुश्किल है.

इस संघर्ष पर नज़र रख रहे एक मानवाधिकार समूह ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स इन ईरान के मुताबिक़, मरने वालों की संख्या इन आंकड़ों के मुक़ाबले लगभग दोगुनी है.

इसराइल और ईरान के बीच संघर्ष दूसरे सप्ताह में पहुंच गया है और अमेरिका ने ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमले करके उसे अस्थिर कर दिया है. इसमें उसका सबसे सुरक्षित ठिकाना फ़ोर्दो भी शामिल है.

ईरान और रूस की मुलाक़ात
पुतिन ने ईरान के विदेश मंत्री से की मुलाक़ात, अमेरिका के हमलों पर ये कहा,स्टीव रोज़नबर्ग, रशिया एडिटर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची के बीच क्रेमलिन में बातचीत हुई है.

रूस के सरकारी समाचार चैनल पर व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “ईरान के ख़िलाफ़ यह पूरी तरह से अकारण आक्रामकता है, जिसका कोई आधार और कोई जायज़ वजह नहीं है.”

पुतिन ने कहा, “मुझे बहुत ख़ुशी है कि आप (अब्बास अराग़ची) आज मॉस्को में हैं. इससे हमें इन सभी कठिन मुद्दों पर चर्चा करने और साथ मिलकर यह सोचने का मौक़ा मिलेगा कि आज की स्थिति से कैसे बाहर निकला जाए.”

ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि उनके देश के रूस के साथ ‘बहुत क़रीबी और दोस्ताना संबंध’ हैं, और ये रिश्ते अब ‘रणनीतिक रूप’ ले चुके हैं.

अराग़ची ने कहा कि इसराइल और अमेरिका के हमलों ने ‘अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों का उल्लंघन किया है.’

इस साल की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के बीच एक रणनीतिक साझेदारी समझौता भी हुआ था. इस समझौते में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है.

लेकिन यह कोई सैन्य गठबंधन नहीं है और इससे रूस पर तेहरान की रक्षा करने की बाध्यता नहीं है.

राफे़ल ग्रॉसी
ईरान के परमाणु ठिकानों का निरीक्षण करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने की ये मांग

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफे़ल ग्रॉसी ने ईरान में युद्ध विराम की अपील की है, ताकि ईरान के परमाणु ठिकानों का निरीक्षण किया जा सके.

उन्होंने कहा, “ज़मीनी हक़ीक़तों को स्थापित करना किसी भी समझौते के लिए ज़रूरी शर्त है और यह सिर्फ़ आईएईए की जांच के ज़रिए ही संभव है.”

राफे़ल ग्रॉसी ने आगे कहा, “ज़रूरी सुरक्षा और संरक्षा की स्थिति बनाए रखने के लिए दुश्मनी का ख़त्म होना ज़रूरी है, ताकि आईएईए की टीमें ईरान की स्थिति का आकलन करने के लिए उन जगहों पर जा सकें.”

इससे पहले, ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले के बाद ट्रंप ने रविवार को ईरान को चेतावनी दी थी.

उन्होंने कहा था, “या तो अब शांति होगी या फिर ईरान के लिए एक ऐसी त्रासदी आएगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई घटनाओं से कहीं ज़्यादा बड़ी होगी.”

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के प्रवक्ता इब्राहिम ज़ोल्फ़ग़री
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने अमेरिका को दी चेतावनी

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के प्रवक्ता इब्राहिम ज़ोल्फ़ग़री ने कहा है कि अमेरिका अब सीधे इस युद्ध में शामिल हो गया है और उसने ईरान की ‘पवित्र ज़मीन’ का उल्लंघन किया है.

आईआरजीसी के प्रवक्ता इब्राहिम ज़ोल्फ़ग़री ने अमेरिका को यह चेतावनी एक वीडियो संदेश के ज़रिए दी है.

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को ‘भारी, अफ़सोसजनक और अप्रत्याशित नतीजे’ भुगतने पड़ेंगे, जो ‘शक्तिशाली और टारगेटेड ऑपरेशन’ के ज़रिए दिए जाएंगे.

अपने इस वीडियो संदेश में इब्राहिम ज़ोल्फ़ग़री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीधे अंग्रेज़ी में संबोधित करते हुए कहा, “मिस्टर ट्रंप, गैम्बलर! आप ये युद्ध शुरू कर सकते हैं लेकिन इसे ख़त्म हम करेंगे.”

इसके अलावा ईरानी मीडिया ने भी ईरान के कमांडर इन चीफ़ अमीर हातमी का एक वीडियो जारी किया है.

इस जारी वीडियो में उन्होंने कहा कि जब भी अमेरिका ने अतीत में ईरान के ख़िलाफ़ ‘अपराध’ किए हैं, उसे ‘कड़ा जवाब’ मिला है और इस बार भी वही होगा.

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