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ईरानी सर्वोच्च नेता ने फ़त्ताह-2 हाइपरसोनिक मिसाइल का किया अनवारण, ग़ज़्ज़ा ड्रोन को भी देखा : रिपोर्ट

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने आज रविवार की सुबह “आशूरा एरोस्पेस साइंसेज़ यूनिवर्सिटी” पहुंच कर डेढ़ घंटे तक आईआरजीसी की एरोस्पेस विंग की ताज़ातरीन उपलब्धियों निरक्षण किया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार की सुबह आशूरा एरोस्पेस साइंसेज़ युनिवर्सिटी पहुंचकर सिपाहे पासदाराने इंकेलाब आईआरजीसी की एरोस्पेस विंग द्वारा हालिया दिनों में अंजाम दी गईं गतिविधियों और प्राप्त की गईं उपलब्धियों का निरक्षण किया है। इस मौक़े पर सर्वोच्च नेता ने पहली बार फ़त्ताह-2 ईरानी हाइपरसोनिक मिसाइल का अनावरण भी किया। बता दें कि फ़त्ताह-2 हाइपरसोनिक मिसाइल में ग्लाइड और क्रूज़ क्षमताएं हैं। उल्लेखनीय है कि हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहनों को रॉकेट से लॉन्च किया जाता है। फिर ग्लाइड वाहन रॉकेट से अलग हो जाता है और लक्ष्य की ओर कम से कम मैक 5 की गति से “ग्लाइड” करता है। हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलें उच्च गति, वायु-श्वास इंजन द्वारा संचालित होती हैं। फ़त्ताह-2 को एचजीवी और एचसीएम हाइपरसोनिक हथियारों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आईआरजीसी एयरोस्पेस फोर्स के नए नवाचार मेले के निरक्षण के दौरान जिस फ़त्ताह-2 हाइपरसोनिक मिसाइल का अनावरण किया। उस विशेषताओं वाली हाइपरसोनिक मिसाइलें ईरान समते दुनिया के केवल चार देशों के पास ही ऐसी हाइपरसोनिक हथियार तकनीक है। ईरान के सर्वोच्च नेता ने इस मौक़े पर आईआरजीसी द्वारा निर्मित “ग़ज़्ज़ा” नामक ड्रोन का भी क़रीब से निरक्षण किया। यह ड्रोन लगातार 35 घंटे तक उड़ान भर सकता है। बता दें कि ग़ज़्ज़ा ड्रोन 35 हज़ार फीट से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है और 500 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर हमला करने के साथ-साथ उनका निरीक्षण भी कर सकता है। ग़ज़्ज़ा ड्रोन एक साथ 13 बम ले जाने की क्षमता रखता है।