इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली खामेनेई ने आज बुधवार सुबह ईरान के मज़दूर वर्ग के हजारों लोगों से मुलाक़ात में कहा कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने और तेहरान पर दबाव डालने के पीछे अमेरिका और पश्चिम का वास्तविक लक्ष्य, राष्ट्र और इस्लामी व्यवस्था को झुकाना और उसे हर बात मानने पर मजबूर करना है।
सुप्रीम लीडर ने कहा कि महान इतिहास और गहरी जड़ों वाला ईरान और इस्लामी गणतंत्र, ज़ोर ज़बरदस्तियों और ग़ुडागर्दियों के सामने नहीं झुकेगा और प्रतिबंधों को प्रगति और समृद्धि के अवसरों में बदलकर, भविष्य के लिए एक उज्ज्वल क्षितिज हासिल करेगा।
इस्लामी क्रांति के नेता ने कहा,
वे चाहते हैं कि कुछ दूसरे देशों की तरह ईरान की संपत्ति, प्रतिष्ठा और नीतियां अमेरिकी हाथों में रहें लेकिन इस्लामी व्यवस्था व इस्लामी प्रतिष्ठा और ईरान के महान और गहरी जड़ों वाले राष्ट्र के लिए उनकी ज़ोरज़बरदस्ती के आगे झुकना असंभव है।
अपने भाषण के दूसरे भाग में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों को ध्यान में रखे बिना आर्थिक मुद्दों पर बात करना असंभव क़रार दिया और कहाः
पश्चिम, ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने के लिए परमाणु हथियार, मानवाधिकार और आतंकवाद के समर्थन जैसे झूठे मुद्दे उठाता है।
उन्होंने पश्चिम के विरोधाभासों और झूठे बहानों को समझाने के लिए ग़ज़ा का उदाहरण दिया और कहाः
उन्होंने सवाल उठाया कि ग़ज़ा पर बमबारी से प्रभावित लोग आतंकवादी हैं लेकिन दुष्ट, अवैध और क्रूर ज़ायोनी शासन जिसने छह महीने में कई हजार बच्चों सहित लगभग 40,000 लोगों का नरसंहार किया है, आतंकवादी नहीं है।
मज़दूर वर्ग की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने कुछ साल पहले परमाणु मुद्दे पर दिए अपने बयान का ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने कहा थाः
अमेरिकियों को यह तय कर लेना चाहिए कि वे परमाणु मुद्दे पर ईरान के किस हद तक पीछे हट जान पर वे संतुष्ट होंगे। उन्होंने कहा कि वे कभी भी इस सीमा को निर्धारित करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि वे क़दम ब क़दम आगे बढ़ना चाहते हैं और अंततः उत्तरी अफ़्रीक़ी देश की तरह ईरान के परमाणु उद्योग और उपकरणों को ख़त्म कर देना चाहते हैं जबकि देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों को परमाणु गतिविधियों की उपलब्धियों की आवश्यकता है।
उन्होंने प्रतिबंधों को देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला और आर्थिक समस्याएं पैदा करने वाला क़रार दिया और कहा कि
इन प्रतिबंधों से देश के अंदर प्रतिभाओं का विकास और क्षमताओं का उदय भी हुआ है।
अयातुल्लाह ख़ामेनेई ने दुश्मन की दुश्मनी से फ़ायदा उठाने को एक जीवित राष्ट्र की विशेषता क़रार दिया।
ईरानी की मज़दूर वर्ग की महिलाएं
उन्होंने रक्षा क्षेत्र के विकास को प्रतिबंधों को अवसरों में बदलने का एक नमूना क़रार दिया और कहा कि
इस विकास ने कहीं न कहीं सभी शत्रुओं को आश्चर्यचकित कर दिया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान प्रतिबंध हालात में भी इतने उन्नत हथियार कैसे तैयार करने में कामयाब रहा।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इंशा अल्लाह अधिक बेहतर और अधिक उन्नत हथियारों का उत्पादन किया जाएगा, यद्यपि प्रगति और विकास केवल हथियारों तक ही सीमित नहीं है और विभिन्न चिकित्सा, स्वास्थ्य और कुछ औद्योगिक और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में भी, ईरान दुनिया में अग्रणी है जबकि कुछ क्षेत्रों में हम पिछड़ रहे हैं, जिन पर मेहनत करेंगे तो आगे बढ़ेंगे।
सुप्रीम लीडर ने प्रतिबंधों को कम प्रभावी क़रार दिया और कहा कि