दुनिया

ईरानी में शांति भंग करने वाले ब्रिटेन और नार्वे, के राजदूतों को ईरानी विदेश मंत्रालय में तलब किया गया!रिपोर्ट!

https://www.youtube.com/watch?v=XwQ_2XJ58zg

हस्तक्षेपपूर्ण नीति अपनाने के कारण तेहरान मे तैनात ब्रिटेन और नार्वे के राजदूतों को विदेश मंत्रालय तलब किया गया।

ईरान के हालिया आंतरिक परिवर्तनों के संबन्ध में ब्रिटेन के फारसी भाषा संचार माध्यमों के शत्रुतापूर्व व्यवहार और नार्वे के संसद सभापति के हस्तक्षेप पूर्ण रवैये पर तेहरान में नार्वे और ब्रिअैन के राजदूतों को तलब करके ईरान की आपत्ति से उनको अवगत करवाया गया।

ईरान के विदेश मंत्रालय में पश्चिमी यूरोप के प्रभारी ने नार्वे के संसद सभापति की ओर से ईरान के आंतरिक हालिया परिवर्तनों के बारे में अपनाए जाने वाले व्यवहार की प्रतिक्रिया में इस देश के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। इसी के साथ हालिया परिवर्तनों के दौरान ब्रिटेन के फारसी भाषा के संचार माध्यमों की ओर से अपनाई गई शत्रुतापूर्ण नीति के कारण ब्रिटेन के राजदूत को भी विदेश मंत्रालय तलब किया गया।

उनको बताया गया कि हालिया परिवर्तनों के बारे में नार्वे के संसद सभापति के बयान ग़ैर सार्थक थे जिनको ईरान अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानता है। ब्रिटेन तथा नार्वे के राजदूतों ने कहा कि ईरान की बात को हम पहली फुरसत में लंदन और ओस्लो में अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।

ईरान में होने वाले हालिया परिवर्तनों के बारे में यूरोप के कुछ अधिकारियों ने ईरान के बारे में हक़ीक़त से दूर बहुत से दावे किये। उन्होंने इस बारे में पक्षपातपूर्ण एवं एकपक्षीय नीति अपनाई।

इससे पहले ईरान के गृहमंत्री ने कल कहा था कि कुछ यूरोपीय दूतावास ईरान में शांति एवं सुरक्षा को ख़राब करने के प्रयास कर रहे हैं। अहमद वहीदी ने बताया कि इन दूतावासों ने “महसा अमीनी” की मौत के विषय को लोगों को उकसाने के लिए प्रयोग किया।

ज्ञात रहे कि हालिया दिनों में देश की राजधानी तेहरान और कुछ अन्य नगर में होने वाले उपद्रव में उपद्रवियों ने जहां सुरक्षा बलों पर जानलेवा हमले किये वहीं पर सरकारी और निजी संपत्तियों को बहुत नुक़सान पहुंचाया। लगभग 61 एंबुलेंसों को नष्ट कर दिया गया। ग़ैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार ईरान में हालिया दिनों में होने वाले उपद्रव में मरने वालोंं की संख्या 35 है।

ईरानी जनता ने शांति भंग करने वालों के ख़िलाफ़ ख़ुद संभाला मोर्चा, विदेशी एजेंटों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग

पिछले कई दिनों से ईरान की राजधानी तेहरान समेत कुछ अन्य शहरों में विदेश शक्तियों के एजेंटों द्वारा की जा रही साज़िशों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लाखों की संख्या में ईरान की जनता ने सड़कों पर उतरकर उपद्रवियों के ख़िलाफ़ सरकार से कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, पैग़म्बरे इस्लाम (स) के स्वर्गवास और इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत के दिन रविवार को लाखों की संख्या में ईरानी जनता ने हालिया दिनों में इस्लामी आस्था और प्रतीकों का अनादर करने वालों का विरोध किया। उपद्रवियों के ख़िलाफ़ राजधानी तेहरान समेत कई शहरों में उम्मते रसूलुल्लाह नामक रैलियों का आयोजन हुआ, जिसमें लाखों की संख्या में आम जनता ने इन रैलियों में भाग लेकर जहां ईरान की इस्लामी व्यवस्था के दुश्मनों की साज़िशों का मुंहतोड़ जवाब दिया वहीं देश की सरकार से मांग की कि, विदेशी शक्तियों के ऐसे सभी एजेंटों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्यवाही की जाए जो उपद्रव करने वालों के लिए हमेशा के लिए सबक़ बन जाए। बता दें कि उपद्रवियों ने अपने उत्पात के दौरान पवित्र क़ुरआन और धार्मिक प्रतीकों का अपमान किया जिस पर आम लोगों में भारी आक्रोश पाया जाता है। सोमवार को धार्मिक अंजुमनों और पवित्र क़ुरआन से जुड़े केन्द्रों ने इस महारैली का आहवान किया किया था। महारैली का आहवान करने वाले संगठनों ने एक बयान में कहा था कि हमें बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) स्वर्गवास के अवसर पर हमने देखा कि धार्मिक प्रतीकों का अपमान किया गया। पवित्र क़ुरआन, मस्जिदें और इस्लामी गणराज्य ईरान का पवित्र ध्वज जनता की नज़र में बड़ी अहमियत रखने वाली चीज़ें हैं, उपद्रवियों ने जिनका अपमान किया। हम सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे उपद्रवियों के साथ सख़्ती से निपटा जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए।

उम्मते रसूलुल्लाह नामक रैलियों के अंत में एक संकल्प पत्र जारी करके ईरान की आम जनता ने देश की सरकार से भाड़े के आतंकवादियों, व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को बाधित करने वालों के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्यवाही की मांग की। उम्मते रसूलुल्लाह नामक रैलियों का आयोजन करने वालों ने अपने बयान में कहा है कि ऐसे लोग जो देश की शांति को भंग करते हैं, पवित्र क़ुरआन का अपमान करते हैं, मस्जिदों और ईरान के झंडे को जलाते हैं, महिलाओं और उनके हिजाब को अपमानित करते हैं और मातृभूमि की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों को शहीद करते हैं, हम ऐसे सभी लोगों को देश का दुश्मन और विदेशी शक्तियों का एजेंट मानते हैं। हम ऐसे सभी उपद्रवियों और दंगाइयों की निंदा करता है जो धर्म-विरोधी हैं और जो इस्लामी मूल्यों और आदर्शों की पवित्रता का उल्लंघन करते हैं, जो ईरान की इस्लामी व्यवस्था के ख़िलाफ़ साज़िश रचने वाली शक्तियों के हाथों का खिलौना बनकर देश को कमज़ोर करने के षड्यंत्र का हिस्सा बन चुके हैं।