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ईडी का दावा-कैश कूरियर का बयान है, महादेव ऐप से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ऑनलाइन सट्टा महादेव ऐप के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दावा किया कि उसने एक कैश कूरियर का बयान दर्ज किया है, जिसने आरोप लगाया है कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने अब तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

ईडी का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है. ईडी का दावा है कि उसे सूचना मिली थी कि 7 और 17 नवंबर, 2023 को होने वाले विधानसभा चुनावों के संबंध में महादेव ऐप के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी ले जाया जा रहा है.

इसके बाद ईडी ने कार्रवाई की.

ईडी की कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है कि आप किसी सूबे के मुख्यमंत्री से किसी आदमी से मार-पीट के या दबाव डालकर बोलवा दो… मैं किसी को पकड़ लूं और बोल दूंगा कि प्रधानमंत्री का नाम लेने के लिए तो क्या (वे) प्रधानमंत्री से पूछताछ करेंगे.”

प्रवर्तन निदेशालय के बयान के बाद पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा, “छत्तीसगढ़ और राजस्थान में निश्चित हार को भांपते हुए प्रधानमंत्री ने अपना अंतिम और एकमात्र अस्त्र… मोदी-अस्त्र चला दिया है. वो इससे कांग्रेस के नेताओं को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लोग कांग्रेस पार्टी के कवच हैं. मोदी की धमकियां, मतदाताओं की दृढ़ता को मज़बूत करेंगी. उन्हें मालूम है कि ये सब इलेक्शन ड्रामा है.”

उधर, छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा है कि मुख्यमंत्री बघेल को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए.

उन्होंने कहा, “ऐसा माना जा रहा है ये महादेव सट्टा ऐप से जुड़ा हुआ पैसा है जिसके तार मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़े हुए हैं. लगता है कि छत्तीसगढ़ में होने वालो चुनाव में इस पैसे का उपयोग होना था, माननीय मुख्यमंत्री जी इसका जवाब दें?”

Jairam Ramesh
@Jairam_Ramesh
Faced with the prospects of a certain defeat in Chhattisgarh and Rajasthan, the PM has unleashed his last and only remaining astra — ED — the Modiastra to damage the reputations of Congress leaders.

But the people of Chhattisgarh and Rajasthan are the Congress party’s Kavach.

Mr. Modi’s threats and intimidations will only strengthen the resolve of voters who know this is just election drama reflecting the BJP’s desperation.

प्रवर्तन निदेशालय का दावा

ईडी का कहना है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात से भेजे गए,

एक कैश कूरियर असीम दास को इस मामले में हिरासत में लिया गया.

ईडी के अनुसार 5.39 करोड़ रुपये की नकद राशि असीम दास की कार और घर से बरामद की है. ईडी का कहना है कि असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त की गई धनराशि, महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ को देने की व्यवस्था की गई थी.

गौरतलब है कि गुरुवार को ईडी ने भिलाई शहर से असीम दास ऊर्फ बप्पा और एक कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को गिरफ़्तार किया.

शुक्रवार को ईडी ने असीम दास और भीम सिंह यादव को रायपुर की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया, जहां से दोनों को 7 दिनों की ईडी की रिमांड में भेज दिया गया है.

ईडी ने महादेव ऐप के मामले में पहले ही 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है और 450 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त किया है. इसके अलावा 14 लोगों के ख़िलाफ़ अभियोजन भी दायर किया गया है.

क्या है महादेव ऐप

ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने अपने साथी रवि उप्पल के साथ मिल कर ऑनलाइन सट्टा ऐप की शुरुआत की.

आरोप है कि बड़ी संख्या में राज्य के कई पुलिसकर्मियों ने न केवल इस धंधे को संरक्षण दिया, बल्कि इस कारोबार का हिस्सा भी बन गए.

ईडी के अनुसार 2019 में सौरभ और रवि ने अपना पूरा कारोबार दुबई से संचालित करना शुरू किया. इधर ‘महादेव बुक’ से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक सट्टेबाज़ जुड़ गए, जिसका एक बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ का था.

इस कारोबार को बढ़ाने में सोशल मीडिया की सबसे बड़ी भूमिका रही. सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करके दुनिया के कई देशों में इसके ग्राहक बनाए गए.

छत्तीसगढ़ में तो बड़ी संख्या में लोग इस ऐप की आईडी और पासवर्ड बेचने के काम में जुट गए. इस आईडी और पासवर्ड के सहारे क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाया जाने लगा और हज़ारों की संख्या में खोले गए तरह-तरह के बैंक अकाउंट के ज़रिए सारा लेन-देन होता रहा.

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार कोरोना काल में 2020 में ‘महादेव ऐप’ का कारोबार दिन-दोगुना, रात-चौगुना रफ़्तार से आगे बढ़ा. जब बिना दर्शकों के आईपीएल क्रिकेट की शुरुआत हुई तो महादेव ऐप पर दो हज़ार करोड़ से अधिक की सट्टेबाज़ी हुई.

इस धंधे की कमाई से कुछ फ़िल्मों में भी निवेश हुआ. बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध नृत्य निदेशक के अभिनय वाली एक फ़िल्म में सौरभ के भाई के भी पैसे लगे. इसके अलावा होटल के कारोबार में भी कुछ करोड़ लगाए गए.

पिछले ही महीने इस मामले में ईडी ने कई फिल्मी सितारों को भी नोटिस जारी किया है.