नई दिल्ली: सऊदी अरब में किंग सलमान द्वारा अपने बेटे मोहम्मद बिन सलमान को राजकुमार बनाते ही समझो बदलाव की लहर चल पड़ी है,जिसके कारण कई सारे क़ानून में बदलाव हुआ और तरक़्क़ी के नाम पर वेस्टर्न कल्चर को बढ़ावा मिला है।
जिसको लेकर पूरी मुस्लिम दुनिया मे सऊद अरब का विरोध जताया जारहा है,और आंतरिक रूप से भी काफी बैचैनी पाई जारही है,जिसको रोकने के लिये पिछले दिनों शाही घराने के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
तुर्की के अखबार ने खुलासा किया है कि सऊदी अरब इज़राईल को पनाह देने का काम कर रहा है,अखबार की रिपोर्ट के अनुसार रियाज़ की सरकार ने तबूक क्षेत्र में जहां बहुत जल्द नेओम शबर का निर्माण किया जाना है, 16 हज़ार किलोमीटर का एरिया इजराइलियों के लिये मखसूस कर दिया है।
यह ज़मीने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की व्यक्तिगत प्रापर्टी हैं और बताया गया है कि इस क्षेत्र में मौजूद घरों को धीरे धीरे खाली कराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र के मैदानों में रासायनिक हथियार के भंडार बनाए जाएंगे।
जिन क्षेत्र को बिन सलमान की प्राइवेट प्रापर्टी बताया जा रहा है वह नेओम परियोजना के नज़दीक है। बिन सलमान की प्राइवेट प्रापर्टी पर दोबा, अमलज, सुग़रा, शारमा बस्तियां बसी हुई हैं।
अखबारुल सऊद न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मलिक सलमान सरकार ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में बसी इन बस्तियों को खाली कराने का फैसला कर लिया है। यह भी कहा जा रहा है कि तबूक के प्रतिबंधित क्षेत्र को इस्राईल की सैन्य गतिविधियों के लिए चुना गया है।
रियाज़ और तेल अवीव सरकार ने कुछ दिनों पहले खुफिया जानकारी के क्षेत्र में एक दूसरे के साथ सहयोग का फैसला किया है, और यह भी तै पाया है कि सैन्य सहयोग के क्षेत्र में नए कदम उठाकर इस सहयोग को बढ़ाया जाए।
अध्ययनकर्ता मोहम्मद अमीन आकीन का दावा है कि तबूक का वह क्षेत्र जिसे प्रतिबंधित क्षेत्र बताया जा रहा है, वह भौगोलिक आधार पर बहुत महत्वपूर्ण है, और इस्राईल भी इस क्षेत्र को रासायनिक हथियारों के भंडार के रूप में प्रयोग करना चाहता है।
सऊदी अरब के अधिकारी और सत्ताधारी बहुत तेज़ी के साथ इस्राईल के साथ संबंधों के सामान्यीकरण की तरफ़ बढ़ रहे हैं, यहां तक कि अब लगभग उनके देश में यमन और फिलिस्तीन की बात करना भी समाप्त हो गया है।
इस संबंध में अलकौसर टीवी चैनल ने रिपोर्ट दी है कि युवराज मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में जद्दा के अलसलाम महल में सऊदी सुरक्षा और राजनीतिक मामलों की परिषद की बैठक आयोजित हुई है।
इस बैठक में फैसला किया गया है कि हाजियों को यमन और फिलिस्तीन जैसे राजनीतिक मुद्दों पर बैठक, प्रदर्शन और विचार व्यक्त करने की अनुमति न दी जाए।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब ने बेकार के बहानों के साथ राजनीतिक फैसला लेते हुए सीरिया, कतर और यमन के नागरिकों के हज पर आने पर प्रतिबंध लगा दिया है